बिकरू गांव का अपराधी विकास दुबे की कहानी का भले ही The End हो चुका हो, लेकिन उससे जुड़े तारों का खुलासा समय-समय पर हो रहा है, आगे भी होता रहेगा। राजनीति-पुलिस और अपराध के गठजोड़ पर अपनी दुकान चलाने वाला विकास दुबे यूपी पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया है। इस घटना के बाद अब उसकी पत्नी रिचा दुबे ने यूपी पुलिस पर ऐसा आरोप लगाया है कि, जो राजनीतिक हलके में सनसनी मचा देगा।
आपको बता दें कि गैंगस्टर विकास दुबे के पुलिस एनकाउंटर के 12 दिनों के बाद उसकी पत्नी रिचा दुबे ने न्याय तंत्र में अपना भरोसा जताते हुए कहा है कि मुझे भरोसा है कि उसके पति के साथ न्याय होगा, जिसे पुलिस ने इस्तेमाल किया और खत्म कर दिया। रिचा ने अपनी बात रखते हुए ये भी बताया कि विकास दुबे महामारी के कारण लागू हुए लॉकडाउन के दौरान पुलिसकर्मियों के लिए बिकरू गांव में लंच और डिनर की व्यवस्था करते थे। थाने के कई पुलिसकर्मी यहां लंच और डिनर करते थे। उनमें से कई तो रात को रुकते भी थे। रिचा ने कहा है, “पुलिस ने उनका इस्तेमाल किया और उसके बाद उन्हें खत्म कर दिया। मुझे संविधान में पूरा भरोसा है और न्याय की जीत होगी।”
रिचा यूपी पुलिस पर आरोप लगा रही है कि, जब तक विकास दुबे की जरूरत पुलिस को थी, तबतक पुलिस भी विकास दुबे को मदद करती रही लेकिन तब जरूरत पूरी हो गई तो पुलिस ने विकास दुबे की कहानी खत्म कर दी, और उसे मार डाला। इस बात से राजनीतिक हलकों में भी असर हो सकता है। क्योंकि विकास के एनकाउंटर के बाद से यही चर्चा उठी थी कि विकास जैसे लोग सिर्फ एक मोहरे हैं, बाकि इनके पीछ बड़ी हस्तियां थीं, जिससे वह अबतक बचता आ रहा था। लेकिन विकास की मौत के बाद वो सारे राज दफन हो गए कि, उसकी मदद करने वाले आखिर कौन-कौन थे। ऐसे में विकास की पत्नी रिचा के ये आरोप उस दबी परत को फिर से कुरेद सकते हैं और राजनीतिक हलके में बवाल मचा सकते हैं।
बता दें कि एक स्थानीय दैनिक से बात करते हुए रिचा ने कहा कि बिकरू गांव में जिस रात यह घटना घटी, जिसमें आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे, उसे तीन जुलाई को तड़के लगभग दो बजे अपने पति (विकास दुबे) की तरफ से एक फोन काल आया था। रिचा ने कहा, “उन्होंने मुझसे कहा कि अपने लखनऊ वाले घर से तत्काल भाग जाओ, क्योंकि बिकरू में कई पुलिसकर्मी मारे गए हैं। मैं भाग गई और एक मित्र के यहां मुझे शरण मिला। उन्होंने मुझसे वह अंतिम बार बात की थी और उसके बाद मुझे मीडिया रिपोर्ट से ही सारी जानकारी मिली।”
इस बातचीत में रिचा ने यह नहीं बताया कि वो लखनऊ वाले घर से भागकर कहां गई थी और किस जगह दिन गुजारे थे।रिचा ने अपने पति विकास दुबे के बारे में कहा कि उसके पति उतने क्रूर नहीं थे, जितना उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। उसने कहा, “वह अपराधी हो सकते हैं, लेकिन वह ख्याल रखने वाले एक पति और पिता थे। वह अपने दोनों बच्चों से प्यार करते थे। हर महीने मुझे खर्च के रूप में 40 हजार रुपये मिलते थे। मेरा बड़ा बेटा शांतनु रूस में चिकित्सा की पढ़ाई पढ़ रहा है और मेरे छोटे बेटे आकाश ने अपनी 12वीं की परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।”
स्थानीय दैनिक को दिए साक्षात्कार में रिचा ने ये भी कहा, “मुझे नहीं पता कि उस रात बिकरू में क्या कुछ हुआ। मेरे पति मर चुके हैं, लेकिन मेरी उम्मीद जिंदा है।” रिचा ने कहा कि विकास दुबे मेरे भाई राजू निगम के एक अच्छे मित्र थे। विकास से मेरी मुलाकात 1990 में हुई और मेरे भाई ने ही हम दोनों की शादी कराई।” रिचा ने कहा कि, विकास गांव वालों की मदद करते थे, विकास अपने गांव में विवादों को सुलझाने में लोगों की अक्सर सहायता करते थे और लोग अपनी समस्याओं को लेकर उनके पास आते भी थे। “बिकरू में जो वह कहते थे, वही अंतिम शब्द होता था।”
रिचा ने ये भी कहा कि, अपनी आपराधिक छवि के कारण विकास दुबे ने 2004 में लखनऊ में एक घर बनाने का निर्णय लिया, ताकि बच्चे स्थानीय राजनीति से दूर रह सकें। वह चाहते थे कि बच्चे पढ़ाई करें और बेहतर जिंदगी व्यतीत करें। रिचा ने अपनी सास सरला देवी के साथ असहज संबंधों की भी बात की, लेकिन कहा कि विकास दुबे हमेशा अपने माता-पिता की इच्छा का सम्मान करते थे। यदि कोई व्यक्ति मेरी सास या ससुर के सामने जाकर विनती कर लेता था, विकास उसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाते थे।