उत्तर प्रदेश के कानपुर में बिकरू गांव अब आगे से विकास दुबे व उसके साथियों द्वारा किए गए नरसंहार के लिए याद किया जाएगा। सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या से पूरा प्रदेश हिल गया। अपराधियों व पुलिस की टीम के बीच हुई इस मुठभेड़ में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब सामने आई। इस रिपोर्ट को देख खुद डॉक्टर भी हैरान हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक कुख्यात अपराधियों का मकसद ना तो खुद को बचाना था और ना ही पुलिसकर्मियों को मारना, बल्कि रिपोर्ट के हिसाब से इन लोगों का मकसद पुलिस से बदला लेना था, खासकर सीओ देवेंद्र मिश्रा से।
आपको बता दें कि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि, दुर्दांत अपराधी विकास दुबे व उनके साथियों ने पुलिसकर्मियों को ना सिर्फ गोलियों से मारा है बल्कि उनपर धारधार हथियारों का भी इस्तेमाल किया था। उनके शरीर को क्षत-विक्षत भी किया गया। इससे पता चलता है कि अपराधियों के मन में पुलिसवालों के प्रति कितनी नफरत भरी थी। गौरलतब है कि बिकरू गांव 2 जुलाई की रात पुलिस की टीम(जिसकी अगुवाई सीओ देवेंद्र मिश्रा कर रहे थे) और अपराधी विकास दुबे व उसके साथियों के बीच मुठभेड़ में हुई थी। जिसमें सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों को बड़ी बेरहमी से मारा गया था। पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि CO देवेंद्र मिश्रा समेत सभी पुलिसकर्मियों की हत्या करने के लिए धारधार हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि इन अपराधियों का मकसद पुलिसकर्मियों को सिर्फ मारना ही नहीं बल्कि बदला लेने का मकसद दिखाई पड़ता है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के जरिए जानकारी मिलती है कि शहीद हुए CO देवेंद्र मिश्रा को अपराधियों ने 4 गोली मारी, जिसमें से तीन उनके शरीर से आर-पार हो गई थी। 1 गोली उनके सिर में, एक छाती में और 2 पेट में लगी थी। इसके अलावा विकास दुबे और उसके साथियों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा को गोलियां मारने के बाद उनके पैर को भी काट दिया था। गौरतलब है कि सभी गोलियां प्वाइंट ब्लैंक रेंज से मारी गईं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, विकास दुबे व उसके साथियों ने अन्य 3 पुलिसकर्मियों के सिर पर और 1 के चेहरे पर गोली मारी गई। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट साफ बताती है कि सभी 8 पुलिसकर्मियों की बेहद बेरहमी से हत्या की गई थी। कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सिपाही सुल्तान को दो गोलियां मारी गईं। अन्य पुलिसकर्मियों को आठ से दस गोलियां मारी गईं जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
इस रिपोर्ट को देखकर खुद डॉक्टर भी हैरान हैं। बता दें कि पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर शरीर पर गोलियों के निशान देखकर दंग रह गए। पुलिसकर्मियों के सिर, चेहरे, हाथ, पैर, सीने और पेट में गोलियां लगीं। वहीं सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र के चेहरे पर एक गोली लगने से वाइटल ऑर्गन बाहर आ गया और उन्होंने तुरंत दम तोड़ दिया। इस नरसंहार को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि बाकी पुलिसकर्मियों को भी देवेंद्र मिश्रा की तरह से मारा गया होगा। क्योंकि ज्यादातर गोलियां शरीर के शरीर के पार हो गईं। रिपोर्ट से ऐसा पता चलता है कि अपराधियों में इन सभी के प्रति काफी आक्रोश था और वो उसी का बदला ले रहे थे।
आलम था कि तीन पुलिसकर्मियों के शरीर में गोलियों के टुकड़े मिले जो हड्डियों से टकराने से कई टुकड़ों में बंट गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर पुलिस हत्याकांड में विकास दुबे और उसके साथियो ने रायफल से गोलियां चलाईं। पोस्टमार्टम के दौरान मिले गोलियों के टुकड़ों को परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। फिलहाल इस केस के मुख्य आरोपी विकास दुबे को 10 जुलाई को करीब 7 और 7:30 बजे के बीच एनकाउंटर में पुलिस ने मार गिराया।