स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने करीब 30 हजार कर्मचारियों को समय से पहले रिटायरमेंट देने का फैसला लिया है. देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक समूह इसके लिए वीआरएस लाने जा रहा है. वीआरएस के दायरे में 30190 कर्मचारी आएंगे. एसबीआई में मार्च 2020 में बैंक के कुल 2.49 लाख कर्मचारी थे. खबर की मानें तो बैंक ने वीआरएस ड्राफ्ट तैयार कर लिया है औऱ बोर्ड की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जायेगा. कंपनी का इसके पीछे तर्क हैं कि इससे बैंक की लागत में कमी आएगी.

30 हजार कर्मचारियों को वीआरएस देगी SBI
एसबीआई अपने 30 हजार कर्मचारियों को वीआरएस देने जा रही है. वीआरएस के तहत ऐसे कर्मचारियों को सम्मानपूर्वक नौकरी छोड़ने का रास्ता उपलब्ध कराया जायेगा जो कैरियर के पूरे होने के पड़ाव पर पहुंच चुके हैं. इसके अलावा उन्हें भी वीआरएस में शामिल किया जायेगा जिनकी परफॉर्मेंस अच्छी नही है या जिनकी व्यक्तिगत समस्याएं हैं. इस वीआरएस योजना के तहत ऐसे सभी कर्मचारी रिटायरमेंट ले सकते हैं जिनकी आयु 55 वर्ष से ज्यादा है या फिर जिन्होंने नौकरी के 25 साल पूरे कर लिए हैं.
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बैक के बचेगें 1662 करोड़ रुपये
माना जा रहा है कि वीआरएस के योग्य कर्मचारियों मे से 30 प्रतिशत भी इस विकल्प को चुनते हैं तो बैंक को सलाना 1662 करोड़ रुपये की बचत होगी. ड्राफ्ट के अनुसार वीआरएस स्कीम लेने वाले कर्मचारियों को उनकी नौकरी के कुल वर्षों के अनुसार 50 प्रतिशत मासिक सैलरी दी जायेगी या फिर आखिरी सैलरी के बराबर 18 महीनों की सेलरी का भुगतान किया जायेगा. इसके अलावा ग्रेच्युटी, पेंशन, प्रोविडेंट फंड और मेडिकल बेनिफिट्स भी दिए जायेंगे.
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वीआरएस योजना लेने वाले कर्मचारी कूलिंग ऑफ पीरियड के बाद एक बार फिर एसबीआई से जुड़ कर अपनी सेवाएं दे सकते हैं. कूलिंग ऑफ पीरियड 2 साल का है.