दशकों के लंबे संघर्ष के बाद Ram Mandir निर्माण का रास्ता सुप्रीम कोर्ट से साफ होने के बाद मंदिर निर्माण के लिए नींव की खुदाई शुरू हो गई है लेकिन अब एक और नई चुनौती मंदिर निर्माण के रास्ते में आ गई है। दरअसल Ram Mandir में इस्तेमाल किए जाने वाले पिंक स्टोन की खुदाई पर राजस्थान सरकार ने रोक लगा दी है। जिसके बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण में परेशानी खड़ी हो सकती है।

अखिर क्यों खास है पिंक पत्थर
बता दें कि जिस पिंक स्टोन का इस्तेमाल राम मंदिर में किया जाना है उसके खनन पर भरतपुर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है। पिंक पत्थरों की विशेषता यह है कि लगभग पांच हजार वर्षों तक यह पत्थर अक्षुण्ण रहते हैं, ये गुलाबी पत्थर सिर्फ राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित बंशीपहाड़पुर में मिलते हैं।
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Ram Mandir से पहले भी पिंक पत्थर से बनी हैं देश की कई खास इमारतें
देश में सदियों से जस की तस खड़ी तमाम इमारतें व किले गुलाबी पत्थरों से बने हैं। संसद भवन, लालकिला, बुलंद दरवाजा सहित अक्षरधाम और इस्कॉन के अधिकांश मंदिरों में बंशीपहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों का ही इस्तेमाल हुआ है।
Ram Mandir निर्माण में लाखों घनफीट गुलाबी पत्थरों की जरूरत
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट करीब 36 करोड़ रुपए मूल्य के 4.5 लाख घनफीट गुलाबी पत्थरों का ऑर्डर देने की तैयारी में है। उससे पहले ही राजस्थान सरकार ने खुदाई पर रोक लगा दी है। राम मंदिर के लिए विश्व हिंदू परिषद ने बहुत पहले ही गुलाबी पत्थरों को जमा करना शुरू कर दिया था। अयोध्या के कारसेवकपुरम कार्याशाला में इन पत्थरों पर नक्काशी और तराशी का काम भी हो चुका है। लेकिन राम मंदिर निर्माण के लिए अभी 4.5 लाख घनफीट गुलाबी पत्थरों की और जरूरत है।