सचिन पायलट की बर्खास्तगी के बाद, एक इंटेलीजेंस रिपोर्ट ने गहलोत सरकार की नीदें उड़ा दी हैं !

राजस्थान में राजनीतिक अस्थिरता के बीच एक और बड़ी खबर आई है. राजस्थान मंत्रीमंडल से सचिन पायलट की बर्खास्तगी के बाद आई इंटेलीजेंस की एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट के बाद राजस्थान सरकार सहित सूबे के पुलिस महकमें की नीदें गायब हो गई है. रिपोर्ट मे कहा गया है कि गुर्जर बाहुल्य जिलों में लोग सड़कों पर आ सकते हैं और स्थिति बिगड़ने की पूरी आशंका हैं. इंटेलीजेंस की इस रिपोर्ट के बाद दौसा, भरतपुर और करौली जिलों मे डीआईजी स्तर के पुलिस अधिकारियों को भेजा गया है. बता दें कि सचिन पायलट गुर्जर समुदाय से आते हैं और गुर्जर बाहुल्य इन जिलों में उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है. उन्हें मंत्रीमंडल से बाहर किए जाने के बाद यहां का गुर्जर समुदाय अपमानित महसूस कर रहा है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

सचिन पायलट की बर्खास्तगी के बाद इंटेलीजेंस रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

बगावती तेवर के बाद मंगलवार को कांग्रेस ने सचिन पायलट को उप-मुख्यमंत्री पद से हटा दिया साथ ही उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी बर्खास्त कर दिया गया. इसके बाद आए एक इंटेलीजेंस रिपोर्ट से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच हुआ है. रिपोर्ट मे कहा गया है कि गुर्जर बाहुल्य जिलों में कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती हैं. इसमें कहा गया है कि दौसा, करोली और भरतपुर सहित कई अन्य जिलों में स्थिति बिगड़ने की आशंका है. इस रिपोर्ट के बाद इन जिलों में डीआईजी स्तर के अधिकारियों को भेजा गया है. साथ ही एक-एक आरपीएस स्तर के अधिकारी और बड़ी संख्या में होमगार्ड के जवानों की तैनाती की गई है. अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि गांवों में जाकर अगले आदेश तक कैम्प करें.

गुर्जर समुदाय में रोष

सचिन पायलट की पार्टी में हो रही अनदेखी और उसके बाद उन्हें उप-मुख्यमंत्री सहित प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद इस इंटेलीजेंस रिपोर्ट का सामने आना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दरअसल सचिन पायलट गुर्जर समुदाय से आते हैं औऱ गुर्जर बाहुल्य जिलों जैसे कि दौसा, करोली और भरतपुर मे उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है. सचिन पायलट के साथ कांग्रेस से निकाले गए अन्य दो नेता भी इसी इलाके से आते हैं जिसमें विश्वेन्द्र सिंह भरतपुर तो रमेश मीणा करौली के सपोटरा से विधायक हैं. गुर्जर समुदाय अपने इलाके के नेताओं को इस तरह से पार्टी से बाहर किए जाने से खुश नही है और यही कारण कि इंटेलीजेंस रिपोर्ट मे यहां पर कानून व्यवस्था के बिगड़ने की आशंका व्यक्त की गई है.

संबंधित जिलों में इऩ अधिकारियों को भेजा गया

कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एडीजी कानून व्यवस्था सौरभ श्रीवास्तव ने जिन अधिकारियों की नियुक्ति की है उनमें डीआईजी (एटीएस) अंशुमन भौमिया और एडीजी रिजर्व (सीआईडी-सीबी) आशाराम कौ दौसा जिलें में तैनात किया गया है. इसी तरह डीआईजी पुलिस (सतर्कता) सत्येन्द्र सिंह और एडीजी सीआईडी-सिविल राइट हनुमान प्रसाद मीणा को करौली जिले में भेजा गया है. आदेश के तहत डीआईजी पुलिस (एसओजी) विकास कुमार औऱ एडीजी (एएचटी) पुष्पेन्द्र सिंह सोलंकी को भरतपुर जिलें में भेजा गया है.

इसके अलावा करीब 1000 होमगार्ड के जवानों को गुर्जर बाहुल्य जिलों में पुलिस की मदद के लिए भेजा गया है.  इंटेलीजेस इनपुट के बाद इन जिलों में भेजे गए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह तत्काल संबंधित जिलों में पहुंचकर अगले आदेश तक कैम्प करें. इसके अलावा प्रभावित जिलों के पुलिस अधिक्षकों को यह भी कहा गया है कि वह इन पुलिस अधिकारियों को हथियार बंद जाब्ता उपलब्ध कराएं.