राजस्थान में चल रहे सियासी ड्रामा के बीच तीन ऑडियो टेप जारी किया गया है. इस ऑडियो टेप के जरिये कांग्रेस ने ये बताने की कोशिश की है कि कैसे मोदी सरकार एक मंत्री विधायकों को खरीदने की साजिश रची गयी है. शुक्रवार को कांग्रेस की तरफ से सचिन पायलट गुट और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर अशोक गहलोत सरकार को गिराने का आरोप लगाया. सबूत के तौर पर दो ऑडियो टेप भी जारी किये गये हैं. वहीँ खबर तो ये भी है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और सचिन पायलट के बीच बातचीत हुई है.
जारी किये गये तीन ऑडियो टेप, केन्द्रीय मंत्री पर लगाए गये सीधे आरोप
दरअसल जारी तीनों किये गये ऑडियो टेप में 6.18 मिनट, 2.01 मिनट और 1.37 मिनट बातचीत दर्ज की गयी है. इसमें दावा किया गया है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हाल संजय जैन के जरिये कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा के संपर्क में थे. हालाँकि अभी तक इसकी पुष्टि नही हो पायी है कि बातचीत कर रहे लोग कौन है?
वहीँ इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गयी है.रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस पूरी साजिश में शामिल हैं. उनपर तुरंत FIR दर्ज होनी चाहिए और गिरफ्तारी की जानी चाहिए. जांच में सामने आना चाहिए कि केंद्र सरकार के कौन से व्यक्ति इस पूरी प्रक्रिया में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को सामने आकर इस सच्चाई को उजागर करना चाहिए और विधायकों की लिस्ट जारी करनी चाहिए. ऑडियो में बातचीत करने वाले भंवरलाल शर्मा, विश्वेंद्र सिंह को कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया है और नोटिस जारी किया गया है. इस मामले में अब SOG में शिकायत दर्ज करवा दी गई है और जांच करने की मांग की गई है.
सचिन पायलट से की पी चिदंबरम ने बात, राज्य में पद नही, केंद्र में मिलेगी जगह?
वहीँ कहा ये भी जा रहा है कि देर रात सचिन पायलट और पी चिदंबरम के बीच बातचीत हुई है. इस बातचीत के जरिये सचिन पायलट को पार्टी में बने रहने के लिए कहा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सचिन पायलट को ये बात भी साफ़ कर दी गयी है कि उन्हें अब पहले वाले पद नही मिल पायेंगे बल्कि उन्हें केन्द्रीय टीम में जगह दी जायेगी. एक तरफ बातचीत और मनाने का दौर भी चल रहा है तो दूसरी तरफ मामला कोर्ट में घसीटा जा रहा है.
दरअसल बागी विधायकों के लिए स्पीकर की तरफ से नोटिस भी जारी कर दी गयी है. सचिन पायलट का गुट अब इस नोटिस को लेकर हाईकोर्ट पहुँच गया है जहाँ पर शुक्रवार दोपहर में सुनवाई होने वाली है. आपको बता दें कि सचिन पायलट की ओर से मुकुल रोहतगी और हरीश साल्वे पक्ष रख रहे हैं, जबकि राजस्थान विधानसभा स्पीकर की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी मैदान में हैं.
वहीँ अब इस पूरे मामले को लेकर राजस्थान एनडीए में भी बवाल मच गया है. वसुंधरा राजे को राज्य सरकार से बंगला अलॉट होने पर सचिन पायलट की टीम ने कई तरह के आरोप लगाये थे जिसके बाद वसुंधरा राजे के समर्थकों की तरफ से सफाई दी गयी कि बंगला तो नियमों के तहत मिला है. इतना ही एनडीए की सहयोगी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को गिरने से वसुंधरा राजे बचा रही है. आरोप ये भी लगाया गया उन्होंने कई कांग्रेसी नेताओं से बात भी की है.