कोरोना वायरस को लेकर मोदी सरकार बहले ही अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन विपक्ष के सवाल क्या गलत हैं? भारत में बढ़ते कोरोना वायरस के केस चिंता बढ़ा रहे हैं हालाँकि मोदी सरकार इसी पर अपनी पीठ ठोक रही है कि हमारे यहाँ डेथ रेट कम है लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या लगभग 23 लाख पहुँच चुकी है. इसी पर विपक्ष की तरफ से सवाल पूछा गया है कि अगर कोरोना की यह ‘संभली हुई स्थिति’ तो ‘बिगड़ी स्थिति’ किसे कहेंगे?
दरअसल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने ट्वीट कर तंज कसते हुए सवाल पूछा है कि अगर कोरोना की यह स्थिति संभली हुई है तो बिगड़ी स्थिति किसे कहेंगे. राहुल गाँधी लिखा कि ‘कोरोना का ग्राफ कम नहीं हो रहा है, भयावह होता जा रहा है. अगर ये प्रधानमंत्री की ‘संभली हुई स्थिति’ है तो ‘बिगड़ी स्थिति’ किसे कहेंगे?’ राहुल गाँधी ने देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने से जुड़ा ग्राफ भी शेयर किया.
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने दो बार ये कह चुके हैं कि सही वक्त पर सही फैसला लिया गया जिसका परिणाम अब देखने को मिल रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने 27 जुलाई को कहा था कि “सही समय पर सही फैसले लेने की वजह से कोरोना के मामले में भारत की स्थिति अन्य देशों के मुकाबले संभली हुई है. आज भारत में पांच लाख से ज्यादा टेस्ट हर रोज हो रहे हैं और आने वाले हफ्तों में इसको 10 लाख प्रतिदिन करने की कोशिश हो रही है.”
Corona curve- Frightening not Flattening.
अगर ये PM की ‘संभली हुई स्थिति’ है तो ‘बिगड़ी स्थिति’ किसे कहेंगे? pic.twitter.com/pKU57CNaKA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 13, 2020
इतना ही अभी हाल ही जब पीएम मोदी ने नोएडा, मुम्बई और कोलकाता में उच्च क्षमता वाली कोविड-19 परीक्षण सुविधाओं का शुभारंग किया था तब भी यही बात कही थी. तो ऐसे में अगर विपक्ष की तरफ से सवाल पूछा जा रहा है कि अगर ये संभली हुई स्थिति है तो बिगड़ी हुई स्थिति किसे कहेंगे? आपको यहाँ बता दें कि देश में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड 66,999 मामले सामने आए जिसके बाद गुरुवार को संक्रमण के मामले बढ़कर 23,96,637 हो गए. वहीं, देश में अब तक 16,95,982 लोग उपचार के बाद संक्रमण मुक्त हुए हैं.