कोरोना वायरस से संक्रमित पत्रकार मनीष सिसोदिया ने AIIMS की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली है. आत्महत्या के बाद ये खबर आग की तरह चारो तरफ फ़ैल गयी. कुछ लोगों का कहना है कि सिसोदिया ने कोरोना वायरस से डरकर आत्महत्या कर ली है लेकिन तरुण सिसोदिया को जानने वाले लोगों का कहना है कि तरुण बेहद मज़बूत इंसान थे वे कोरोना वायरस से डरकर आत्महत्या नही कर सकते.
दरअसल तरुण को जानने वाले लोगों का कहना है कि जब उन्हें ब्रेन ट्यूमर हुआ था तब उन्होंने इसे बेहद आसानी से हैंडल किया था. ऐसी खतरनाक बीमारी को झेलने वाला एक मज़बूत इन्सान सुसाइड कैसे कर सकता है. वहीँ सोशल मीडिया पर एक व्हाट्सएप्प चैट भी वायरल हो रहा है जिसकी पुष्टि हम नही कर रहे. इस व्हाट्सएप्प चैट के अनुसार सिसोदिया ने उसमे लिखा है कि उनकी हत्या हो सकती है. जिसके बाद से ये तरुण सिसोदिया का सुसाइड केस विवादों में आ गया है.
I ordered AIIMS Director to immediately constitute an official inquiry into this incident, following which a high-level commitee has been set up & shall submit its report within 48 hours.
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) July 6, 2020
वहीँ तरुण सिसोदिया के आत्महत्या करने के कुछ ही देर बाद स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि युवा पत्रकार तरुण सिसोदिया जी के निधन से गहरा सदमा पहुंचा है. यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. मेरे पास अपना दुख व्यक्त करने के लिए कोई शब्द नहीं है. उनके पूरे परिवार, उनकी पत्नी और छोटे बच्चों के प्रति मेरी संवेदना है. भगवान उन्हें इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति दे. इसी के साथ जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैंने AIIMS निदेशक को तुरंत इस घटना की आधिकारिक जांच करने का आदेश दिया, जिसके बाद उन्होंने उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया. यह समिति 48 घंटों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
Deeply shocked & saddened by the death of young journalist Shri Tarun Sisodia ji.
It was a most unfortunate incident. I have no words to express my grief.
My condolences to his whole family,esp his wife & young children
May God give them the strength to bear this irreparable loss pic.twitter.com/nAUb0ky0AO— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) July 6, 2020
वहीँ न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक 37 वर्षीय तरुण ट्रॉमा सेंटर-1 से बाहर चले गए थे जहां उन्हें भर्ती कराया गया था. इसके बाद वे चौथी मंजिल पर गए, जहां उन्होंने खिड़की के शीशे तोड़े और बाहर कूद गए. उन्हें तुरंत ICU में ले जाया गया था, जहां उन्होंने बाद में दम तोड़ दिया.
हालाँकि इन सबके बावजूद तरुण को जानने वाले लोगों का कहना है कि तरुण को मानशिक रूप से परेशान किया गया. जिस कंपनी में तरुण काम करते थे उन्हें वहां से निकालने की साजिश कई दिनों से रची जा रही थी. हालाँकि बीमारी के कारण उन्हे ऑफिस की टीम से बाहर नही निकाला जा सका था. बाद उन्हें मानशिक रूप से परेशान किया जाने लगा था. तरुण को जानने वाले ने एक व्यक्ति सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर ये सारी बातें कही है.
वहीँ इस घटना का दूसरा पहलू ये भी सामने आ रहा है कि उनके इलाज में लापरवाही बरती जा रही थी. आरोप है कि ट्रामा सेंटर प्रशासन ने तरुण के फोन को जब्त करके उन्हें ICU में शिफ्ट किया, ताकि वो आगे कोई शिकायत ना कर पाएं और अंदर की अव्यस्था की कहानी बाहर न जा सके. वहीँ जब लापरवाही बरतने का मामला स्वास्थ्य मंत्रालय तक पहुंचा था और ट्रामा सेंटर से रिपोर्ट मांगी गई .
हालाँकि इस घटना के बाद एम्स ने बयान जारी करते हुए कहा कि वे एक मानशिक रोगी थे. हालाँकि अब अवालों के घेरे में खुद AIIMS आ गया है. कई तरह क सवाल AIIMS पर उठाये जा रहे हैं. पहला – अगर तरुण मानशिक रोगी थे तो उनसे उनका मोबाइल फ़ोन क्यों छीन लिया गया. जबकि परिवार से बात करते थे तो उन्हें मानशिक राहत मिलती? दूसरा – अगर वे मानशिक रोगी थे उन्हें कड़ी निगरानी में क्यों नही रखा गया और कैसे एक कोरोना पॉजिटिव मरीज ICU से बाहर निकल कर खिड़की तोड़ कर छलांग लगा सकता है? तीसरा – आखिर अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद तरुण ने ये क्यों लिखा कि उनकी हत्या हो सकती है? चौथा- क्या AIIMS इस पूरी घटना का वीडियो साझा करेगा? पांचवा- तरुण ने खुद एक लेख में लिखा था कि वे आत्महत्या एके खिलाफ है तो वे आत्महत्या कैसे कर सकते हैं?
सवाल तो कई सारे हैं हालाँकि जवाब खोजने के लिए पुलिस की जांच जारी है.