गांधी परिवार कई सालों से सरकारी खाचे का इस्तेमाल करता आ रहा है. राजीव गांधी की हत्या के बाद से कुछ समय पहले तक ये परिवार एसपीजी सुरक्षा घेरे में ही रहा करता था. नवंबर 2019 में केंद्र सरकार ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा हटाने का फैसला किया था. यहाँ आपको ये भी बता दें कि एसपीजी की सुरक्षा प्रधानमंत्री के अलावा सिर्फ गाँधी परिवार को प्रदान थी. एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद अब प्रियंका गांधी को बंगला खाली करने के लिए नोटिस दे दिया गया है.
एक अगस्त तक बँगला खाली करने के लिए दिए गये नोटिस में कहा गया है कि प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा व्यवस्था हटा ली गई है और जेड प्लस सुरक्षा व्यवस्था दी गई है. इस व्यवस्था के मुताबिक जिसे ये सुरक्षा दी जाती है उसे सरकारी बंगला प्रदान करने का नियम नहीं है. ऐसे में प्रियंका गांधी को बंगला खाली करना पड़ सकता है.
आपको बता दें कि छ महीने पहले तक जब गांधी परिवार के पास एसपीजी सुरक्षा थी तब तक गाँधी परिवार के सदस्यों को दिल्ली में आवास भी आवंटित किया जाता रहा है. जिस बंगले को खाली करने के लिए प्रियंका गाँधी को नोटिस दिया गया है उस बंगले में प्रियंका गांधी वाड्रा फरवरी 1997 से रह रही हैं. अब जब प्रियंका गाँधी को खाली करने के लिए मंत्रालय से नोटिस आया है तो इस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया आनी ही थी.
कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने कहा है कि अब क्यों नियम का पालन किया जा रहा है? प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा व्यवस्था तो 6 महीने पहले ही हटा ली गई थी. जब एसपीजी व्यवस्था हटाई गई थी तब भी प्रियंका से बंगला खाली करने की बात कही गई थी. तब उन्होंने एक्सटेंशन मांगा था जो अगस्त महीने तक चलने वाला है. लेकिन हमारी असली चिंता प्रियंका की सुरक्षा को लेकर है. सरकार को उनकी सुरक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए.
कांग्रेस नेता द्वारा दिए गये बयान में कहा गया है कि प्रियंका गाँधी वाड्रा को पहले ही घर खाली करने के लिए नोटिस दिया जा चुका था तब उन्होंने एक्सटेंशन माँगा था. इसके बावजूद अब कांग्रेस के नेता सुरक्षा का हवाला देते हुए बंगला ना खाली करवाने की बात कर रहे हैं. यहाँ आपको ये भी बता दें कि नोटिस के साथ-साथ 30 जून तक प्रियंका गांधी पर 3,46,677 रुपये बकाया भी हैं और इस बकाया राशि का भुगतान करने को भी कहा गया है. प्रियंका गांधी वाड्रा फरवरी 1997 से 35 लोधी एस्टेट में रह रही हैं. खबरों की माने तो एसपीजी सुरक्षा हटाने से पहले प्रियंका गांधी को नोटिस भेजकर उनसे बंगला खाली करने के बारे में पूछा गया था तब प्रियंका गाँधी वाड्रा ने कहा था कि इसमें उन्हें कोई दिक्कत नही है.
यहाँ आपको ये जानना भी जरूरी है कि आखिर कैसे किसी भी पद पर ना होने के बावजूद गांधी परिवार को सालों तक एसपीजी सुरक्षा मिलती रही, तो आपको बता दें कि जब प्रधानमंत्री रहते हुए राजीव की हत्या हो गयी थी उसके बाद एसपीजी अधिनियम में पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके तत्काल परिवारों को 10 वर्ष की अवधि के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए संशोधन किया गया था. गान्धी परिवार को इसी वजह से सालों तक एसपीजी सुरक्षा मिलती रही.हालाँकि सरकार ने समीक्षा होने के बाद गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा को हटाने का फैसला लिया था, अब गाँधी परिवार जेड पल्स सुरक्षा घेरे में रहता है.