‘नीमू पोस्ट’ पर प्रधानमंत्री मोदी की गर्जना, जानिए बौखलए चीन ने क्या कहा !

गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुए संघर्ष के बाद शुक्रवार को पीएम मोदी अचानक लेह के अग्रिम पोस्ट नीबू पहुंचे. प्रधानमंत्री मोदी के सैनिक अड्डे पर पहुंचते ही सैनिकों में जोशिला अंदाज दिखा. भारत और चीन के बीच सीमा पर अप्रैल से ही मतभेद के बाद संघर्ष चल रहा है इस बीच प्रधानमंत्री का चीनी सीमा से लगती इस पोस्ट पर पहुंचना सेना के लिए बड़ी बात है. प्रधानमंत्री भी इस बात को बखूबी समझते हैं इसलिए उन्होंने यह वक्त चुना है जब भारतीय सेना को हौसले की शख्त जरुरत है. प्रधानमंत्री मोदी के सीमा से सटे इस पोस्ट पर पहुचंते ही वहां मौजूद सैनिकों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदेमातरम्’ के नारे लगाये.

लद्दाख विजिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी साथ में हैं सीडीएस बिपिन रावत

11 हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित नीमू पोस्ट पहुंचे पीएम मोदी

लद्दाख क्षेत्र में चीन से तनातनी के बीच प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार यानि कि 3 जुलाई को 11 हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित सेना के नीमू पोस्ट पर पहुंचे. प्रधानमंत्री मोदी के साथ सीडीएस विपिन रावत और सेना प्रमुख जनरन मुकुंद नरवने भी मौजूद थे. पीएम मोदी के इस दौरे से सीमा पर मौजूद सेना के जवानों में भारी उत्साह देखा गया. उनके सीमा के अग्रिम पोस्ट नीमू पर पहुचंते ही उत्साहित सेना के जवानों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदेमातरम्’ के नारे लगाये. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकत की और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति का जायजा लिया.

पीएम मोदी का चीन को कड़ा संदेश

लद्दाख विजिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अब विस्तारवादी युग खत्म हो चुका है. यह विकास का युग है. उन्होने कहा इतिहास गवाह है कि विस्तारवादी ताकते या तो हार गई हैं या तो उन्हे पीछे हटने को मजबूर होना पड़ा है. उन्होनें कहा गलवान घाटी में भारतीय सेना का चीनी सैनिकों से लड़ते हुए शहीद होना देश के लिए गौरव की बात है. सीमा पर लड़ने वाले वीर सैनिकों के पराक्रम को मैं नमन करता हूं. प्रधानमंत्री ने सीमा पर चीनी सैनिकों के उकसावे की नीति को लेकर कहा कि हम वह लोग है जो बांसुरीधर श्रीकृष्ण की पूजा भी करते हैं तो वहीं सुदर्शन धर श्रीकृष्ण को ही अपना आदर्श भी मानते हैं.

उन्होंने सेना को संबोधित करते हुए कहा कि 14-कोर के जवानों के किस्से हर तरफ गूंज रहे हैं. घर-घर में आपके शौर्य गाथाएं कही जा रही है. आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है जहां आप तैनात हैं. जिस तरह से इतनी ऊंचाई पर तैनात होकर आप भारत माता की ढाल बन कर उसकी सेवा कर रहे हैं. उसका कोई जवाब नही है.

प्रधानमंत्री मोदी के लद्दाख विजिट से सेना को मिलेगा बल

खबर के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी का लद्दाख सीमा विजिट को लेकर पहले से कोई खाका तैयार नही किया गया था. वह अचानक ही सीडीएस विपिन रावत के साथ लद्दाख में नीमू पोस्ट पर पंहुचे थे. इससे साफ झलकता है कि प्रधानमंत्री गलवान घाटी के बाद उपजे सीमा विवाद को लेकर कितने चौकन्ने हैं. चीन ने जिस तरह से सीमा पर तनाव की स्थिति निर्मित की उससे पूरे देश में चीन के प्रति काफी आक्रोश देखा गया. सेना के जवान भी अपने 20 साथियों के बलिदान को व्यर्थ में ही हाथ से जाने नही देना चाहते. इस बीच पीएम मोदी के विजिट ने उनके हौसले को और बुलंद किया है. खासकर जब सीमा पर दोनो ओर की सेनाएं बिलकुल आमने-सामने खड़ी हैं. इससे न केवल देश को बल्कि पूरे दुनिया को संदेश जायेगा की भारत अपनी सीमा की सुरक्षा को लेकर कितना मुस्तैद है.

बौखलाए चीन ने दी गीदड़ भभकी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे से चीन में बौखलाहट स्पष्ट दिखाई दे रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पीएम के दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोई भी पक्ष ऐसा कुछ भी न करें जिससे दोनों देशों के बीच माहौल ज्यादा बिगड़ जाय. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने वक्तव्य में कहा ‘भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव कम करने के हर संभव उपाय किए जा रहे हैं. इसके लिए सैन्य और कूटनीतिक माध्यमो से बातचीत चल रही है. इस समय किसी भी पक्ष को ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे की दोनों देशों के बीच और तनाव बढ़े.’

दरअसल चीन पिछले कुछ दिनों से बैकफुट पर है. वह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपनी नीतियों को लेकर चौतरफा घिरा हुआ है. एक तरफ जहां ब्रिटेन और अमेरिका ने उसे हांगकांग मुद्दे पर घेरा हुआ है तो वहीं रुस के शहर व्लादीवोस्तोक पर अपना कर दावा कर वह खुद ही फंस गया है. अब लद्दाख सीमा क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी के विजिट ने उसे सकते में ला खड़ा किया है.

बता दें कि 15-16 जून को भारत और चीनी सैनिकों के बीच झ़ड़प हुई थी जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे तो वहीं चीनी सेना को भी काफी नुकसान हुआ था. तब से भारत औऱ चीन के बीच सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. नौबत यहां तक आ पहुंची की भारत को अपने सेना के साथ ही भारी सैन्य साजो-समान तैनात करने पड़े.