पराली दिल्ली के लिए बना परेशानियो का सबब , 40 प्रतिशत तक बढ़ा वायु प्रदूषण

पंजाब , हरियाणा, यूपी और उत्तराखण्ड मे जलने वाला पराली राजधानी दिल्ली के लिए परेशानियो का सबब बना हुआ है। वैसे तो दिल्ली मे हवा के जहरीलापन होने के और भी बहुत से कारण है लेकिन उनमे से एक मुख्य कारण इन राज्यो पर जल रही पराली है ।

पराली जलाने की भागीदारी 40 प्रतिशत हुई ।

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नई दुनिया

सफर द्वारा जारी आंकड़ो के अनुसार रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 364 रहा. दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषक कणों में पराली जलाने की भागीदारी 40 प्रतिशत रही.  राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को वायु की गति बढ़ने से प्रदूषक तत्वों के छितर जाने के कारण वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ है. शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 286 रहा जो खराब’’ की श्रेणी में आता है.

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इस हफ्ते बेहद खराब रहा गुणवत्ता सूचकांक

वही शनिवार को यह आंकड़ा  367 था जबकि शुक्रवार को 374, बृहस्पतिवार को 395, बुधवार को 297, मंगलवार को 312 और सोमवार को 353 दर्ज किया गया था. कहा जाता है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है. इस हिसाब से देखा जाए तो दिल्ली मे वायु प्रदूषण के हालात बेहद खराब है ।

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दैनिक जागरण

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी सफर’ के अनुसार, रविवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में खेतों में आग की घटनाएं बड़ी संख्या में हुईं, जिससे दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उत्तर पश्चिम भारत में वायु गुणवत्ता पर असर पड़ने की आशंका है.

नासा ने जारी की तस्वीरे

नासा से प्राप्त उपग्रह चित्रों में पंजाब में और हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पराली इत्यादि जलाने की घटनाओं की पुष्टि हुई. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, सोमवार को हवा की दिशा मुख्य रूप से पश्विम-उत्तर पश्चिम रही और हवा की अधिकतम गति 18 किलोमीटर प्रति घंटे रही. ठंडी हवाओं और कम तापमान के कारण प्रदूषक जमीन के निकट रहते हैं, जबकि वायु की अनुकूल रफ्तार के कारण इनके बिखराव में मदद मिलती है.