ये बात अब साफ हो चुकी है कि एक धर्म के नाम पर बना देश पाकिस्तान, अपने अंदर सभी धर्मों को स्वीकार नहीं कर सकता है। इसकी बानगी हमेशा देखने को मिलती है। पाक में अल्पसंख्यकों का क्या हाल है, ये किसी से छिपा नहीं है। आए दिन धर्म परिवर्तन, और हिंदुओं लड़कियों के साथ रेप की घटनाएं सामने आती रहती हैं। ताजा मामला हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर है।
पहला हिंदू मंदिर बनने को लेकर बवाल
बता दें कि इस्लामाबाद में पहला हिंदू मंदिर बनने को लेकर बवाल हो गया है। इस मंदिर को लेकर हिंदुओं को धमकाया जा रहा है। मुस्लिम कट्टरपंथियों ने खुलेआम धमकी देते हुए सिर काटने की धमकी दे डाली है। आरोप लगा है कि पाकिस्तान की धार्मिक सभाओं में कुछ कट्टरपंथी मौलाना कृष्ण मंदिर बनाने पर हिंसा की धमकी भी दे रहे। इस मामले को लेकर पाकिस्तान के आलोचक और लेखक तारिक फतेह ने एक मौलाना का वीडियो ट्वीट कर दावा किया है कि मंदिर बनाने पर खुलेआम सिर काटने की धमकी दी गई है।
इमरान खान भी कुछ बोल नहीं पा रहे
कुछ सोशल मीडिया पर ऐसे भी वायरल हो रहे हैं, जिसमें जिस जमीन पर मंदिर बनाया जा रहा है, उसपर लोग कट्टरपंथी सोच के कारण नमाज पढ़ रहे हैं। ऐसे माहौल में पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं के मन में डर का भाव आ गया है। कट्टरपंथियों को हौसले ऐसे बुलंद हैं कि, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी कुछ बोल नहीं पा रहे हैं। हालत अब ये हो गई है कि इमरान सरकार ने पाक में कृष्ण मंदिर बनाने का फैसला वापस ले लिया है। बता दें कि तारेक ने जो वीडियो ट्वीट किया है उसमें दिखाई दे रहा है कि मौलाना एक धार्मिक सभा में धमकी दे रहे हैं कि जो लोग इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर का समर्थन कर रहे हैं, उनके सिर कलम कर दिया जाएगा।
गर्दनें काटकर कुत्तों को डाल देंगे
वीडियो में मौलाना भीड़ से कह रहा है, ‘तुम्हारे सिर मंदिर में चढ़ा दिए जाएंगे और कुत्तों को खिला दिए जाएंगे।’ कट्टरपंथी मौलाना आगे कहता है, ‘मस्जिदें चंदों से बन रही हैं और मंदिर पाकिस्तान के खजाने से पैसे निकालकर बनाए जा रहे हैं। अगर तुम मंदिर बनाओगे तो पाकिस्तान, गैरतमंद कौम तुम्हारी गर्दनें काटकर मंदिर के सामने फिरने वाले कुत्तों को डाल देंगे।’ बता दें कि इससे पहले कृष्ण मंदिर के निर्माण पर रोक लगने के बावजूद अब कट्टरपंथियों ने मंदिर की जमीन पर जबरन अजान दी है। हालांकि उस जमीन पर मंदिर की नींव रखी जा चुकी थी लेकिन एक मौलाना के नेतृत्व में कुछ लोगों ने मंदिर के लिए रखी गई नींव और दीवार को भी गिरा दिया था। इमरान सरकार ने दो दिन पहले ही मुस्लिम कट्टरपंथियों के फतवे के आगे घुटने टेकते हुए मंदिर के निर्माण पर रोक लगा दी थी।
मंदिर का निर्माण कैपिटल डिवेलपमेंट अथॉरिटी कर रही थी
दरअसल इस्लामाबाद में मंदिर की मांग बहुत दिनों से चली आ रही थी। जिसके बाद इसका निर्माण कराया जा रहा था। इस मंदिर का निर्माण पाकिस्तान के कैपिटल डिवेलपमेंट अथॉरिटी कर रही थी। पाकिस्तान सरकार ने अब मंदिर के संबंध में इस्लामिक ऑइडियॉलजी काउंसिल से सलाह लेने का फैसला किया है। मजहबी शिक्षा देने वाले संस्थान जामिया अशर्फिया ने मुफ्ती जियाउद्दीन ने कहा कि गैर मुस्लिमों के लिए मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल बनाने के लिए सरकारी धन खर्च नहीं किया जा सकता।
20 हजार वर्गफुट में बनाया जा रहा था मंदिर
बता दें कि इस्लामाबाद में ये मंदिर H-9 इलाके में 20 हजार वर्गफुट के इलाके में बनाया जा रहा था। पाकिस्तान के मानवाधिकारों के संसदीय सचिव लाल चंद्र माल्ही ने इस मंदिर की आधारशिला रखी थी। इस दौरान मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए माल्ही ने बताया कि वर्ष 1947 से पहले इस्लामाबाद और उससे सटे हुए इलाकों में कई हिंदू मंदिर थे। इस मंदिर के खिलाफ हाई कोर्ट में एक वकील ने भी याचिका दी थी जिस पर कोर्ट ने कहा था कि सरकार को अल्पसंख्यकों के अधिकारों का भी ख्याल रखना चाहिए।