मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जोकि प्रदेश की जनता के बीच ‘मामा’ के नाम से भी लोकप्रिय हैं, उन्होंने कोरोना काल में प्रदेश की हालत की परवाह ना करते हुए अमेरिका से अपने लिए नया स्टेट प्लान मंगवाया है। इस प्लेन की कीमत 60 करोड़ बताई जा रही है। विपक्षी दलों ने इसको लेकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। राज्य में राजनीतिक हालात कुछ ऐसे हो गए हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए अमेरिका से 60 करोड़ रुपये का नया स्टेट प्लेन आया तो विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर हो गया है।
ये प्लेन अब सूबे की भाजपा सरकार के लिए गले की हड्डी बनता दिखाई दे रहा है। विपक्ष इसको लेकर सवाल खड़े करते हुए कह रहा है कि, जनता के पास खाने के पैसे नहीं हैं लेकिन दुनिया के बेहतरीन विमान में शिवराज सफर करेंगे। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इसको लेकर ट्वीट करते हुए CM शिवराज पर निशाना साधा है। कांग्रेस की तरफ से लिखा कि ‘दुनिया के बेहतरीन विमान में शिवराज, जनता के पास खाने के भी पैसे नहीं। विधायक खरीदकर मुख्यमंत्री बने शिवराज अब 60 करोड़ की लागत से खरीदे गए बिजनेस क्लास जहाज में उड़ान भरेंगे। शिवराज जी, किसानों की कर्जमाफी, कर्मचारियों के भत्ते और डॉक्टरों के वेतन के लिये पैसे नहीं है..?’
– मध्यप्रदेश राज्य के ऊपर 2 लाख 10 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ है।
– यह 60 करोड़ का बीच क्राफ्ट विमान @BJP4MP की @ChouhanShivraj सरकार ने खरीदा है।भाजपा सरकार द्वारा जनता के पैसों की बेकदरी और बर्बादी का अनुमान आप लगा सकते हैं। pic.twitter.com/VWbWUo2pME
— Lalan Kumar (@LalanKumarINC) August 26, 2020
इतना ही नहीं यूपी के विमान को लेकर यूपी कांग्रेस मीडिया सेल के ललन कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘मध्य प्रदेश राज्य के ऊपर 2 लाख 10 हजार करोड़ का कर्ज है। ये 60 करोड़ का क्राफ्ट विमान बीजेपी की शिवराज सरकार ने खरीदा है। बीजेपी सरकार द्वारा जनता के पैसों की बेकदरी और बर्बादी का अनुमान आप लगा सकते हैं।’
फिलहाल जब भाजपा इस मामले में घिरती नजर आई तो, सफाई लेकर सामने आई। कांग्रेस के आरोप पर भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नया विमान खरीदने की मंजूरी तो तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दी थी। शिवराज सरकार ने तो सिर्फ इस विमान की डिलीवरी ली है। अगर कांग्रेस को विमान नहीं चाहिए था तो उस समय कमलनाथ ने फाइल वापस क्यों नहीं करवाई और क्यों कैबिनेट से इसका अप्रूवल करवाया?
वैसे इस दावे के पीछे का सच समझे तो ये सही है कि कमलनाथ सरकार ने ही इस नए स्टेट प्लेन की खरीदी को मंजूरी जरूर दी थी लेकिन एक सच और ये है कि इसे खरीदने का प्रस्ताव पहली बार साल 2016 में आया था जब मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की ही सरकार थी। उस समय तय किया गया था कि प्रदेश सरकार दिग्विजय सिंह की सरकार के समय खरीदे गए अपने स्टेट प्लेन को बेचकर नया जेट प्लेन खरीदेगी। इसके लिए बाकायदा प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी, लेकिन 2019 में कमलनाथ सरकार ने जेट प्लेन की जगह टर्बो प्रोप्लेलर वाला स्टेट प्लेन खरीदने को मंजूरी दे दी, जो जेट प्लेन से सस्ता होता है। साथ ही कमलनाथ सरकार ने पुराना स्टेट प्लेन करीब 8 करोड़ रुपये में पहले ही बेच दिया था।
जिस विमान को लेकर इतना हंगामा मचा है, उसके बारे में जानकारी मिली है कि, करीब 60 करोड़ की कीमत का ये नया स्टेट प्लेन अत्याधुनिक सुविधाओं और टेक्नोलॉजी से लैस है, जो मध्य प्रदेश की किसी भी हवाई पट्टी पर उतर सकता है। इस नए स्टेट प्लेन में पायलट और को-पायलट समेत कुल 9 लोग सफर कर सकते हैं। इसके उड़ान भरने की क्षमता करीब 35 हजार फीट तक है। ये नया स्टेट प्लेन करीब 310 ktas यानी 574 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। टेक ऑफ के लिए इसे 523 मीटर का ग्राउंड रोल चाहिए होता है, जबकि लैंडिंग के लिए 533 मीटर ग्राउंड रोल इस प्लेन के लिए बहुत है। इसलिए मध्य प्रदेश की ज्यादातर हवाई पट्टियों पर इसे उतरने या टेक ऑफ में समस्या नहीं होगी।