मध्य प्रदेश के 19 जिलों के 28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी है। दोपहर 1 बजे तक तक़रीबन 39.29% वोटिंग हो चुकी थी। वोटिंग शाम 6 बजे तक चलेगी। बता दें की अभी तक सबसे ज्यादा मतदान सुवासरा सीट पर लगभग 56% हुआ है। खबर आई है कि मुरैना जिले में सुमावली विधानसभा सीट के कासपुरा और खनेता गांव में फायरिंग की घटना भी हुई। जिसमें एक महिला को गोली भी लगी। जौरा में बाहुबलियों ने मतदान रोकने की कोशिश की जिसकी शिकायत की गई है।

मंत्री के ख़िलाफ़ केस दर्ज!
बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री गोपाल भार्गव पर आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज किया। इससे पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर EVM से वोटिंग करवाने पर सवाल उठाए। शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस पहले ही हार की भूमिका बनाने लगी है।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरुण कुमार तोमर ने बताया है कि उपचुनाव में 3 नवंबर को कुल 9 हजार 361 केंद्रों पर वोटिंग हो रही है। 10 नवंबर को विधानसभा क्षेत्र/जिला मुख्यालय पर काउंटिंग होगी। कुल 355 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। मतदान के लिए 13 हजार 115 बैलट यूनिट, 13 हजार 115 कंट्रोल यूनिट और 14 हजार 50 वीवीपैट हैं।
निर्वाचन आयोग द्वारा कोरोना से सम्बंधित खास इंतजाम किए हैं। केंद्रों पर मास्क, सैनिटाइजर, साबुन, पानी, तापमान की जांच व्यवस्था के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा। मतदान का समय भी एक घंटे बढ़ा दिया गया है। मतदान केंद्रों पर भीड़ कम रखने के लिए, सहायक मतदान केंद्रों की व्यवस्था की गई है। इन केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए 6 फुट की दूरी पर गोले भी बनाए गए हैं। नियम है कि कोविड संदिग्ध या क्वॉरैंटाइन वोटर मतदान केंद्र के अंदर एक बार में एक ही वोटर जाएगा।
वोटर टर्न आउट एप पर मिलेगी वोटिंग की ताजा जानकारी!
उपचुनाव में 19 जिलों की 28 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले मतदान के प्रतिशत की अपडेट जानकारी ‘Voter turnout’ पर मिलेगी। eci.gov.in/voter-turnout पर भी वोटिंग प्रतिशत की जानकारी मिल जाएगी।
पिछले दो चुनाव में 23 मंत्री हार चुके
पिछले दो विधानसभा चुनाव के रिकॉर्ड में ये साफ़ देखा जा सकता है कि शिवराज सरकार के 23 मंत्रियों को जनता ने घर बैठा दिया था। वर्ष 2013 में 10 और 2018 में 13 मंत्री विधानसभा चुनाव हारे हैं। इस बार 3 नवंबर 2020 को होने वाले चुनाव में 14 मंत्रियों की गद्दी दांव पर लगी है। इसमें से 11 पर तो भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा भी दांव पर है, क्योंकि यह उनके कहने पर ही पार्टी बदलकर भाजपा में आए हैं।
इन पर है सबकी नजर!
सिंधिया समर्थक भाजपा सरकार में मंत्री तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभु राम चौधरी, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गिर्राज दंडोतिया, ओपीएस भदौरिया, सुरेश धाकड़, बृजेंद्र सिंह यादव, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, ऐंदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह और हरदीप सिंह डंग पर सबकी नजर रहेगी। हालांकि, विवादों में भी इनकी काफ़ी भूमिका रह चुकी है।