आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने एक बहुत बड़े साइबर हमले को होने से सफलतापूर्वक रोक दिया है। 100 से ज्यादा हाई प्रोफाइल लोगों पर खुफिया जानकारी जुटाने के लिए साइबर हमला किया जा रहा था। पूर्व राजदूतों और नीति विशेषज्ञों के अकाउंट्स को हैकर्स ने निशाना बनाया था।

थ्रेट इंटेलिजेंस सेंटर ने पकड़ा हमलावर!
अमेरिकी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के थ्रेट इंटेलिजेंस सेंटर द्वारा साइबर हमलावर की गतिविधि को पकड़ा गया था। माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार हमलावर फॉस्फोरस ईरानी है। उसने सऊदी अरब में होने वाली म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस और थिंक-20 के सम्मेलन में शामिल होने वाले संभावित प्रतिभागियों को निशाना बनाया था।

म्यूनिख बैठक है महत्वपूर्ण!
सुरक्षा के मोर्चे पर, म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस वैश्विक नेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक है। यह बैठक पिछले 60 सालों से लगातार हो रही है। वहीं थिंक-20 भी एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जो जी-20 देशों के लिए एक नीतिगत आइडिया तैयार करती है। माइक्रोसॉफ्ट में कस्टमर सिक्योरिटी और ट्रस्ट के उपाध्यक्ष, टॉम बर्ट का मानना है कि यह हमला अमेरिकी चुनावों से जुड़ा हुआ नहीं था।

ऐसे होना था हमला!
बताया जा रहा है कि यह हमला ई-मेल के जरिए किया जाना था। कार्यक्रम में शामिल होने वाले नेताओं या विशेषज्ञों को फर्जी ई-मेल किए जाने थे। ई-मेल अंग्रेजी भाषा में किए जाते। बर्ट ने बताया है कि माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की माने तो यह हमला खुफिया जानकारी जुटाने के मकसद से होने वाला था।
माइक्रोसॉफ्ट ने बताया है कि व्यापार और व्यक्तिगत ई-मेल खातों में मल्टी फैक्टर अथेंटिकेशन को लागू करने से ऐसे साइबर हमलों से हमेशा बचा जा सकता है।
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