हमारे वातावरण के लिए प्रदूषण बेहद ही गम्भीर मुद्दा है। जहाँ कुछ लोग इसे लेकर बड़ी बड़ी बाते करते हैं, सरकार को घेरते हुए नजर आते हैं, लेकिन कदम उठाते वक्त नज़रे छुपाते फिरते हैं। वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो ये काम बोलकर नहीं करके दिखाते हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला महाराष्ट्र में।
गोदावरी नदी में कचड़ा डालने से रोक रहे थे लोगों को
महाराष्ट्र के इंद्रनगर नासिक में रहने वाले चंद्र किशोर पाटिल ने पूरा दिन गोदावरी नदी के पास खड़े होकर लोगों को नदी पर कचड़ा फैंकने से रोका। एक अंग्रेजी अखबार में दिए अपने साक्षात्कार में पाटिल ने बताया कि वो गोदावरी नदी के पास वालीं सोसायटी में ही रहते हैं।

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उन्होंने कहा हर गुज़रते साल के साथ नदी का पानी प्रदूषित और मटमैला होता जा रहा था । इस बात से वे काफी परेशान थे। तब पांच साल पहले उन्होंने ये फैसला लिया कि वो नदी को अब और प्रदूषित नहीं होंगे देंगे और इसे प्रदूषित होने से बचाएंगे। उन्होंने कहा कि जब तक उनका शरीर साथ देगा वो ये काम करते रहेंगे।
उनसे ये पूछा गया कि वो ऐसे लोगों का कैसे सामना करते हैं जो उनका मज़ाक उड़ाते है या काम पर बाधा डालने की कोशिश करते हैं। इस पर उन्हों ने कहा कि मैं गोदावरी नदी का पानी कई बोतल में भर कर रख लेता हूं और मेरी बात न मानने पर उनको पीने के लिए कहता हूं। जिससे उन्हें इस बात का एहसास हो जाए कि ये पानी कितना गंदा और मटमैला है और इसे गंदा करने मे आपका भी उतना ही योगदान है।

आईएफएस ऑफिसर ने ट्वीट कर दी जानकारी
आईएफएस ऑफिसर श्वेता बुद्दो ने एक ट्वीट के जरिए इस बात की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा – मैंने इस आदमी को देखा जो पूरे दिन एक हाथ पर सिटी लेकर सड़क पर खड़ा हो गया और लोगों को दशहरा के बाद हुए कचरे को नदी में फेकने से रोक रहा था। 31 अक्तूबर को किए गए इस पोस्ट को अब तक 800 से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. लोग उसके तारीफों के पुल बाँधने मे कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
I saw this man stand on this road entire day with a whistle in hand to stop people from throwing Dussehra 'holy waste' in #Plastic bags into Godavari @Nashik
Dear Mr Patil, Respect! pic.twitter.com/Q3hj5ggP5v
— Swetha Boddu, IFS (@swethaboddu) October 31, 2020