हाईवे के रास्ते में आ रहा था ‘400 साल पुराना’ पेड़, बचाने के लिए नितिन गडकरी ने कर दिया गजब का काम !

महाराष्ट्र के सांगली जिले का एक गांव भोसे इस समय सुर्खियों में है. दरअसल इस गांव से होकर रत्नागिरि-नागपुर हाईवे नं.-166 गुजर रहा है. हाईवे के रास्ते में ही एक 400 साल पुराना बरगद का पेड़ आ रहा था. इस पेड़ को बचाने के लिए केन्द्रीय सड़क मंत्री नितिन ग़डकरी ने गजब का काम किया है. उन्होंने पेड़ को बचाने के लिए हाईवे का पूरा नक्शा ही बदल दिया. नितिन गडकरी के इस फैसले से गांव के लोग काफी खुश हैं. बता दें कि भोसे के स्थानीय लोगों सहित पर्यावरणविदों ने बरगद के इस पेड़ को काटे जाने को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद केन्द्रीय मंत्री को यह फैसला लेना पड़ा.

400 साल पुराना बरगद का पेड़

400 साल पुराने पेड़ को बचाने के लिए बदला गया हाईवे का नक्शा

बरगद के एक पेड़ को बचाने के लिए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी को हाईवे का नक्शा बदलना पड़ गया. यह पेड़ कोई मामूली पेड़ नही बल्कि बरगद का 400 साल पुराना पेड़ है. इसी कारण पेड़ को बचाने के लिए सोशल मीडिया पर स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों ने बड़ी मुहिम चलाई थी साथ ही काफी विरोध प्रदर्शन भी किया. जिसके बाद यह मामला शुक्रवार को महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के कार्यालय तक पहुंच गया था. आदित्य ठाकरे ने इस संबंध में नितिन गडकरी से बात कर इस बरगद के पेड़ को बचाने की मांग की. अब केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन ग़डकरी ने अपने अधीनस्थ अधिकारियो को नक्शे में बदलाव कर इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का आदेश दिया है.

क्या है प्रोजेक्ट

रत्नागिरी-नागपुर हाईवे नंबर 166 महाराष्ट्र के सांगली जिले के भोसे गांव से गुजर रहा है. इस हाईवे के रास्ते में 400 साल पुराना एक बरगद का पेड़ आ रहा था. पेड़ को हटाने की पूरी योजना तैयार थी लेकिन पर्यावरणविद् और स्थानीय लोग पेड़ काटने का विरोध करने रहे थे. पेड़ को बचाने के लिए सोशल मीडिया पर भी आवाज उठाई गई. सोशल मीडिया के जरिए ही इस विरोध की जानकारी महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के पास पहुंची. आदित्य ठाकरे और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के दखल के बाद रास्ते मे आने वाले पेड़ को बचाने के लिए नक्शे में बदलाव किया गया.

नितिन गडकरी

नितिन गडकरी ने अधिकारियों को हाईवे के नक्शे में बदलाव करने को कहा

विशाल पेड़ को बचाने के लिए सोशल मीडिया मे शुरु हुए विरोध के बाद नितिन गडकरी ने अपने विभाग के अधिकारियों से इस मसले पर बात की है. साथ ही उन्होंने हाईवे के नक्शे में तब्दीली करने को कहा है. जिससे इस भारी-भरकम 400 साल पुराने पेड़ को बचाया जा सके .