केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उदयपुर में एक व्यक्ति के सिर काटे जाने पर आक्रोश के बाद मदरसा पाठ्यक्रम के मूल्यांकन की मांग की। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अनुसार, दो हमलावरों का कथित रूप से “देश भर की जनता के बीच आतंक फैलाने” का इरादा था। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की है।
“जब लक्षण आते हैं तो हम चिंता करते हैं लेकिन गहरी बीमारी को नोटिस करने से इनकार करते हैं। मदरसों में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है कि ईशनिंदा की सजा सिर काटना है। इसे ईश्वर के नियम के रूप में पढ़ाया जा रहा है… वहाँ जो पढ़ाया जा रहा है उसकी जांच होनी चाहिए।”
राजस्थान के उदयपुर में मंगलवार को दो मुस्लिम लोगों ने एक दुकानदार की हत्या कर दी, क्योंकि उसने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बीजेपी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा का समर्थन किया था। हत्या कैमरे में रिकॉर्ड की गयी, और उन दो मुस्लिम युवकों द्वारा पीड़ित का सिर कलम किए जाने का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हमलावरों ने यह दावा करते हुए इंटरनेट पर वीडियो अपलोड की थीं कि वे इस्लाम के अपमान का बदला ले रहे हैं।
पकड़े गए दो संदिग्धों, रियाज़ अख्तरी और ग़ौस मोहम्मद ने अपराध स्वीकार कर लिया उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चाकू मारने की धमकी भी दी थी।
राजस्थान में तनाव बढ़ने पर धारा 144 लागू कर दी गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले को देख रही है, और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आश्वासन दिया कि राजस्थान पुलिस का आतंकवाद विरोधी दस्ता जांच दल के साथ पूरा सहयोग करेगा।
बुधवार को शहर के सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू रहा, जबकि राज्य के सभी 33 जिलों में मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन बंद कर दिया गया।