बिहार में चुनाव परिणाम आने के बाद नई सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है. इसी क्रम में शुक्रवार को NDA के घटक दलों के नेताओं की बैठक नीतीश कुमार के आवास पर हो रही है. इस बैठक में नए सीएम का नाम तय किए जाने की बात कही जा रही है. उधर खबर है कि अयोध्या में 1989 में हुए राम मंदिर शिलान्यास के दौरान पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल को सुशील कुमार की जगह बिहार का उप-मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखने के बाद वह इतने मशहूर हो गए थे कि वह दो बार बिहार विधान परिषद् के सदस्य भी बने.

कौन हैं कामेश्वर चौपाल
कामेश्वर चौपाल का जन्म 24 अप्रैल 1956 को हुआ था. उन्होंने मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा से एमए की डिग्री ली है. स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के साथ ही वह संघ से जुड़ गए थे. इसके बाद उन्हें मधुबनी जिले का जिला प्रचारक बना दिया गया था. 1989 के राम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास में कामेश्वर चौपाल ने ही राम मंदिर के निर्माण के लिए पहली बार ईंट रखी थी. RSS ने उन्हें पहले कारसेवक का दर्जा दिया है. वह 1991 में रामविलास पासवान के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं.
1989 में विहिप ने किया था शिलान्यास
नवंबर 1989 में राम मंदिर के शिलान्यास का कार्यक्रम रखा गया था. उस समय कामेश्वर चौपाल अयोध्या में थे. वह एक टेंट में रह रहे थे. उनके कमरे में उस समय अशोक सिंघल के करीबी व्यक्ति ने उनसे आकर कहा कि आपको शिलान्यास के लिए चुना गया है. इसके बाद चौपाल ने ही राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी.
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क्यों हो रही चौपाल के नाम की चर्चा
कामेश्वर चौपाल बीजेपी के वरिष्ठ दलित नेता हैं साथ ही वह संघ के पुराने कार्यकर्ता भी हैं. कामेश्वर राम मंदिर निर्माण से जुड़े रहे हैं. इससे बीजेपी का हिन्दू वोट बैंक मजूबत तो होगा ही, दलित लोगों के बीच बीजेपी की पैठ भी बढ़ेगी. इसके अलावा कामेश्वर चौपाल के जरिए बीजेपी एनडीए में रामविलास पासवान की कमी को पूरा करने की कोशिश कर सकती है. चौपाल के कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट में बिहार से बीजेपी नेता कामेश्वर चौपाल को भी शामिल किया गया था.
क्या कहना है कामेश्वर चौपाल का
डिप्टी सीएम बनाए जाने को लेकर कामेश्वर चौपाल ने कहा है कि ‘संगठन अगर मुझे कोई पद देता है तो मैं उससे भागूंगा नही. संगठन का काम है अगर झाड़ू लगाना तो मैं वह भी करूंगा. जो काम मिलता है उसे करूंगा. हमारे लिए राष्ट्र प्रथम है और व्यक्ति अंतिम बात है. संगठन से जो आदेश मिलेगा उसे लूंगा.’