जानिए क्या है? स्वप्ना सुरेश और 30 किलो सोने का कनेक्शन जिसने पिनराई सरकार की नींदें उड़ा दी है !

केरल में 30 किलो सोने के तस्करी के मामले ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. तस्करी के इस मामले ने सरकार में बैठे कई आला-अधिकारियो की नींद उड़ा दी है. दरअसल केरल की सत्ताधारी वाममोर्चा सरकार की एक करीबी का नाम इस मामले में आने के बाद पूरी सरकार ही कटघरे में खड़ी हो गई है. बता दें कि रविवार को केरल के तिरुवंनतपुरम एयरपोर्ट पर तस्करी के जरिए लाया गया 30 किलो सोना सीमा शुल्क के अधिकारियों द्वारा पकड़ा गया था. जिस थैले से सोना बरामद हुआ वह संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के लिए आया था. सोने की बरामदगी के बाद तस्करी के आरोप में यूएई के वाणिज्य दूतावास के एक पूर्व कर्मचारी को हिरासत में लिया गया है.

स्वप्ना सुरेश और पिनराई विजयन

क्या है पूरा मामला

केरल के तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर रविवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब भारी मात्रा में सोना बरामद किया गया. यह सोना यूएई के वाणिज्य दूतावास के लिए आए बैगों में भरा हुआ था. खबर के अनुसार सोना शौचालयों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों से भरे बैग में इस तरह रखा गया था जिससे किसी को शक न हो. तस्करी के आरोप में संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के एक पूर्व कर्मचारी को हिरासत में लिया गया है. पूर्व कर्मचारी को जब पता चला कि उससे पूछताछ होगी तो उसने सीमा शुल्क अधिकारियों को धमकी भी दी. इसके अलावा एक टेलीविजन चैनल ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री कायार्लय के एक बड़े अधिकारी ने कथित रूप से हवाई अड्डे पर यूएई के वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी की मदद करने की कोशिश की थी.

केरल की सरकार कटघरे में

केरल मे तस्करी के जरिए आए 30 किलो सोने ने राजनीतिक गलियारों में हंगामा मचा दिया है. यह सोना कहां से आया और कैसे यूएई के वाणिज्य दूतावास के लिए आने बैग में रखा गया इसकी कोई पुख्ता जानकारी हाथ नही लगी है. हालांकि इस तस्करी में केरल सरकार का नाम आने के बाद पिनरई विजयन की सरकार कटघरे में खड़ी हो गई है. कांग्रेस और बीजेपी सहित पूरा विपक्ष सरकार पर आरोप लगा रही है कि राज्य के आयकर विभाग की महिला और वाणिज्य दूतावास की एक पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश 30 किलोग्राम सोने की तस्करी में शामिल है.

हालांकि तस्करी में केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय का नाम आने के बाद कई आला-अधिकारियों पर गाज गिरी है. केरल सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी सचिव और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एम शिवशंकर का तबादला कर दिया है. इसके अलावा सरकार के आयकर विभाग के साथ काम करने वाली स्वप्ना सुरेश का नाम इस तस्करी में आने के बाद से वह फरार है. सरकार ने आरोपी सूचना प्रौद्योगिकी सलाहकार स्वपना सुरेश को बर्खास्त कर दिया है. माना जा रहा है कि वह प्रधान सचिव की करीबी थी.

कौन है स्वप्ना सुरेश

स्वपना सुरेश को इस तस्करी में किंगपिन माना जा रहा है. माना जा रहा है कि स्वप्ना का यूएई सहित केरल सरकार के कई बड़े अधिकारियों से सीधा संपर्क है जिसकी वजह से इसका नाम काफी चर्चा में बना हुआ है. वह अबू धाबी में पैदा हुई और वहीं पली-बढ़ी है. वर्ष 2011 में उसने तिरुवनंतपुरम में एक ट्रैवेल एजेंसी में कुछ समय के लिए नौकरी की. इसके बाद एयर इंडिया एसएटीएस से जुड़ गई लेकिन 2016 में वह अबू धाबी चली गई, जहां उसे यूएई कंसुलेट में नौकरी मिल गई. स्वप्ना अरबी भाषा में अच्छी पकड़ होने के कारण अरब के कारोबारियों के संपर्क में आई और उसने केरल सरकार के लिए कई प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व भी किया.

स्वप्ना सुरेश

ट्रैवेल एजेंसी और बाद में एआई एसएटीएस में अपने कार्यकाल के दौरान स्वपना हवाईअड्डों और सीमा शुल्क विभाग के कई अधिकारियों के संपर्क में आई थी. इससे उसे इस फील्ड की अच्छी जानकारी हो गई और इस तरह उसने राजनयिक खेपों के जरिए सोने की तस्करी के लिए इस सिस्टम का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया.

विपक्ष का बड़ा आरोप

इस तस्करी में मुख्यमंत्री कार्यालय का नाम आने के बाद भारतीय जनता पार्टी सहित पूरा विपक्ष हमलावर हो गया है. बीजेपी केरल के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया है कि आईटी सचिव और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के कार्यालय ने स्वप्ना का नाम हटाने के लिए दबाव बनाया. बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि केरल के आईटी सचिव स्वप्ना को संरक्षण दे रहे हैं. स्वप्ना का कई बड़े अधिकारियों से भी संपर्क है लेकिन इसे सरकार द्वारा छुपाया जा रहा है. उधर कांग्रेस नेता रमेश चेन्नितला ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ‘अपराधियों का अड्डा’ बन गया है और इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.

विपक्ष इस मामले की जांच सीबीआई से कराना चाहता है लेकिन पिनराई विजयन का कहना है कि यह निर्णय लेना केन्द्र सरकार के हाथ में है कि कौन सी एजेंसी जांच करेगी. सीबीआई जांच को लेकर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि जहां तक राज्य सरकार का सवाल है तो उसे किसी भी जांच से कोई परेशानी नही है. उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इस मामले में किसी भी हस्तक्षेप से भी इंकार किया.