अगर मन मे हो जज़्बा तो कमजोरी भी ताकत बन जाती है मणिपुर के कुणाल की जिंदगी यही सिखाती है

मान लिजिए आप सुबह उठे और अचानक आपको ये पता चले कि आपके दोनो पैरों मे से एक पैर कही गायब हो गया है या शरीर से अलग हो गया तो आपको कैसा लगेगा । कुछ ऐसा ही हुआ मणिपुर मे रहने वाले कुणाल के साथ ।जब उसने इस दुनिया मे पहली बार आंखे खोली और चलना शुरु किया तो उसे पता चला कि उसके पास एक पैर है ही नही  ।

कुणाल
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कुणाल को नही हुआ अपनी कमजोरी का एहसास

कुणाल ने इस बात को कभी अपनी कमजोरी नही बनने दिया उसने बैसाखी की मदद से एक पैर से ही फुटबॉल खेलना चालू कर दिया साइकिल भी चलाने लगा । इन दिनो फुटबॉल खेलते हुए कुणाल का विडियो ट्विटर मे काफी वायरल हो रहा है । लोग उसकी तारीफो के पुल बांध रहे है ।

शुरुआत मे हुई थी थोड़ी दिक्कते

शुरुआत मे थोड़ी दिक्कते होती थी , कुणाल अपना बैंलेंस बनाने मे कई बार नाकाम भी रहता था लेकिन उसकी मॉ ने बचपन से ही कुणाल को दिक्कतो का सामना करना सिखाया था । उन्होने कभी अपने बेटे को ये सोचने का मौका ही नही दिया कि वो दूसरो से अलग है या कमजोर है उसकी मॉ हमेशा उसे कहती थी कि तेरे पास एक पैर नही है तो क्या हुआ तू औरो की तरह ही अपनी जिंदगी जियेगा और ये बात सच भी हूई ।

कुणाल
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लाखो – करोड़ो के लिए है प्रेरणास्त्रोत

एक पैर न होते हुए भी कुणाल जिस तरह से अपनी जिंदगी जी रहा है ये लाखो – करोड़ो लोगो के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है । आजकल की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी मे कॉम्पटिशन इतना बढ़ गया है कि लोग जरा – जरा सी बातो मे निराश हो जाते है आत्महत्या जैसे डिप्रेशिंग कदम उठाने लगते है और ये घटनाए कोरोना मे और भी ज्यादा हो गई है । लोगो के  पास काम नही है लोग परेशान होकर सुसाइड कर लग गए है ऐसे समय मे कुणाल के जीने का ढंग लाखो लोगो के लिए एक प्रेरणा बनकर आ सकती है ।