विस्तारवादी China के नापाक मंसूबों को देखते हुए India और Japan ने सशस्त्र बलों के बीच आपूर्ति एवं सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण करार किया है। बता दें दोनों देशों के बीच हुए समझौते पर भारतीय रक्षा सचिव अजय कुमार और जापान के राजदूत सुजुकी सतोशी ने हस्ताक्षर किए है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार समझौते में करीबी सहयोग के लिए रूपरेखा बनाने, सूचना के आदान-प्रदान और दोनों देशों के सशस्त्र बलों द्वारा एक-दूसरे की सैन्य सुविधाओं के इस्तेमाल की बात की गई है।

समझौते के तहत India और Japan के सशस्त्र बलों के बीच द्विपक्षीय प्रशिक्षण गतिविधियों के साथ ही सेवाओं और आपूर्तियों के आदान-प्रदान के लिए निकट सहयोग की रूपरेखा को सक्षम बनाता है।
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कई देशों के साथ है India का करार
भारत ने इसी तरह के समझौते कई देशों के साथ किए हैं जैसे अमेरिका, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया के साथ भी किया है।
क्यों आवश्यक है दूसरे देशों का साथ ?
ये सभी करार भारत के लिए इसलिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि चीन तेजी से हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी पैठ बढ़ा रहा है। उसने अगस्त 2017 में जिबूती में अपना पहला विदेशी सैन्य बेस शुरू किया था। साथ ही उसे पाकिस्तान के कराची और ग्वादर बंदरगाह तक भी पहुंच मिली हुई है। इसके अलावा वह कंबोडिया, वानुअतु और अन्य देशों में सैन्य बेस बनाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में Indo-China Boarder पर जिस तरह से लगातार विवाद की स्थिति बनी हुई है और China अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा है इसलिए अगर भविष्य में युद्ध जैसी स्थिति पैदा होती है तो यह सभी करार भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगे।