भारत-चीन सीमा विवाद के बीच अमेरिका की सैन्य तैनाती की बात जब सामने आई तो चीन अपनी चालबाजियों को दरकिनार कर भारत की तारीफ करने में लग गया। दरअसल चीन को बहुत अच्छे से पता है कि अगर भारत और अमेरिका एक साथ उसके खिलाफ खड़े हो गए तो उसका पार पाना बहुत मुश्किल होगा।
अमेरिकी फौज से घबराया चीन
ऐसी हालत में चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने सुर बदलते हुए भारत की तारीफ करनी शुरू कर दी है। चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने भारत की तारीफ में लिखा है कि, ‘भारत अमेरिका के साथ कभी नहीं जाएगा क्योंकि वो कूटनीतिक स्वतंत्रता पसंद करता है।’ चीन की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन से निपटने के लिए फौज बढ़ाने का बयान दिया है।
फाइनेंशियल टाइम्स ने लिखा…
चीन के बौखलाहट को इस बात से समझा जा सकता है कि फाइनेंशियल टाइम्स के एक स्तंभकार गिडोन रैचमैन ने अपने एक लेख में लिखा कि, भारत ने नए शीत युद्ध में एक पक्ष को चुन लिया है। ये चीन की मूर्खता है कि वो अपने प्रतिद्वंद्वी को अमेरिका के पाले में डाल रहा है।
भारत की तारीफ
ग्लोबल टाइम्स ने भारत की तारीफ में ये भी लिखा है कि, एक समय ऐसा था जब भारत और चीन के बीच तनाव एक बड़ा खतरा था।। भारत उस वक्त भी किसी देश पर निर्भर नहीं हुआ इसलिए ये कहना बिल्कुल गलत है कि आज की परिस्थिति में पैदा हुए सीमा तनाव में भारत किसी एक गुट के साथ जाने के लिए मजबूर हो जाएगा।
भारत-अमेरिका की दोस्ती में दरार डालने के लिए रूस का डर
दुनियाभर के नेताओं से भारत को मिल रहे समर्थन से चीन इस कदर परेशान है कि, वो नहीं चाहता कि अमेरिका और भारत एक साथ उसके खिलाफ आएं। क्योंकि चीन को अच्छी तरह मालूम है कि भारत और अमेरिका साथ आए तो दक्षिण एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वो बुरी तरह घिर जाएगा। भारत को अमेरिका से अलग रखने के लिए चीन रूस का भी भय दिखा रहा है।
भारत ने रूस के साथ हथियारों की डील से चीन की परेशान
चीन के सरकारी मुखपत्र का कहना है कि रूस से हथियारों का सौदा कर भारत ने अमेरिका को बता दिया है कि वो उसे कितनी अहमियत देता है। चीन इस चाल को लेकर यहां तक कह दिया है कि भारत और अमेरिका एक दूसरे को सिर्फ अपने मतलब के लिए इस्तेमाल करते हैं। दोनो देशों के बीच मतलब के रिश्तें को समझाने के लिए चीन ने कहा कि, भारत पाकिस्तान पर काबू पाने की मंशा से अमेरिका से करीबी बढ़ा रहा है लेकिन वहीं दूसरी तरफ अमेरिका भी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की नकेल कसने के लिए भारत का इस्तेमाल करता है। भारत को अच्छी तरह मालूम है कि अमेरिका उसके लक्ष्य को पूरा करने में उसकी मदद नहीं करेगा। हाल ही चीन की बौखलाहट तब और बढ़ गई जब भारत ने रूस के साथ हथियारों की डील कर ली। इससे चीन की चिंता बढ़ गई है।