गोंडा : बच्चे को किडनैप कर बोली महिला- “विकास दूबे वाला मैटर तो सुना ही होगा तो…”

उत्तर प्रदेश की कई घटनाएँ इन दिनों सुर्ख़ियों में है और ये घटनाएँ कानून व्यवस्था की पोल खोल रही है. कानपुर में विकास दूबे का एनकाउंटर हुआ लेकिन उससे पहले भी एक बड़ा अपहरण काण्ड कानपुर में ही हुआ था. पुलिस की लापरवाही ने किडनैप हुए युवक की जान ले ली. इसके साथ ही गोंडा जिले में एक बच्चे का भी किडनैप कर लिया गया. किडनैप करने के बाद एक महिला ने फिरौती के लिए फोन किया और विकास दूबे का नाम लेकर किस तरह परिवार को धमकाया. आप इस खबर में पढ़िए

कानपुर के बाद गोंडा में अपहरण, कॉल रिकॉर्डिंग आई सामने 

दरअसल उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में 24 जुलाई को एक बच्चे का अपहरण हो जाता है. अपहरणकर्ता स्वास्थ्य विभाग के रूप में सैनीटाईजेशन करने के बहाने आये थे. पीड़ित परिवार वालों से कहा कि आप बच्चे को मेरे साथ भेज दीजिये, गाड़ी में मास्क है आपको दे देता हूँ. इसके बाद वे बच्चे को अपहरण कर ले गये. शाम को  एक महिला फोन कर इस परिवार को बताती है कि उनका उनका किडनैप हुआ है. तीन चार करोड़ का इंतजाम कर लो. इतना ही नही इस ऑडियो में महिला परिवार वालों को विकास दूबे के नाम का डर भी दिखा रही है.

विकास दूबे के नाम महिला ने परिवार को डराया 

आपको बता दें कि गिरफ्तार की गयी महिला का नाम छवि पाण्डेय है. जिसने फ़ोन कर फिरौती मांगी थी.

छवि पांडेय– आवाज न आ रही हो तो बताइए.

पीड़ित– नहीं आवाज आ रही है बताइए.

छवि पांडेय– आपका लड़का किडनैप हो चुका है.

पीड़ित– अच्छा तो क्या करना पड़ेगा?

छवि पांडेय– 4 करोड़ की व्यवस्था करो, हम शाम तक फोन करेंगे.

पीड़ित– अच्छा

छवि पांडेय- शाम को सिर्फ हां या न में जवाब दे देना. अगर ज्यादा दिमाग लगाने की कोशिश की तो अभी तो सबकुछ ठीक है. जो करोगे, वो हमें तुरंत पता चल जाएगा.

पीड़ित– जैसा आप कहेंगे, वैसा हम करेंगे.

छवि पांडेय– कानपुर वाला मैटर तो आपने सुना ही होगा.

पीड़ित– कौन कानपुर वाला मैटर?

छवि पांडेय– विकास दुबे वाला मैटर तो आपको पता ही होगा कि पुलिस किसका, कितना साथ देती है. तो पुलिस तक जाने की आपको कोई जरूरत नहीं है. जाना है तो जा सकते हो, मैं मना नहीं कर रही.

पीड़ित– नहीं हमें हमारा लड़का चाहिए.

छवि पांडेय– आपको आपका लड़का चाहिए तो हम दो तीन घंटे बाद आपके पास फोन करेंगे. तो जैसा हो तो बताइएगा. हमें सिर्फ हां या न में जवाब सुनना है. अगर आपने कुछ भी कदम उठाने की उम्मीद की तो आप लड़के की उम्मीद छोड़ दीजिएगा.

पीड़ित– नहीं हम कोई कदम नहीं उठाएंगे.

सुनिए पूरी बातचीत 

हालाँकि पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए बच्चे को सकुशल बरामद तो कर लिया, साथ ही छ लोगों को गिरफ्तार भी किया है लेकिन इससे पहले कानपुर में हुई अहपरण की घटना ने उत्तर प्रदेश पुलिस की किरकिरी करवाने में कोई कसर नही छोड़ी. पुलिस की लापरवाही, फिर पुलिस के कहने पर फिरौती देना, आरोपियों को गिरफ्तारी करने का प्लान फेल, परिवार वालों पर झूठ बोलने का दबाव बनाना और फिर अपहरण किये गये युवक के मारे जाने की खबर सामने आना.. ये पूरा घटनाक्रम कानपुर पुलिस की नाकामी को दर्शाती है.

आपको बता दें कि कानपुर में अपहरण की ये घटना उस वक्त छुपाई गयी जब कानपुर में बड़े बड़े अधिकारी कई दिनों से डेरा डालकर बैठे हुए थे. विकास दूबे के मामले के बाद ये घटना दबा दी गयी हालाँकि परिवार वालों ने लगातार कोशिश करते रहे, प्रदर्शन तक किये, लेकिन पुलिस करती रही लापरवाही और लापरवाही के कारण ही युवक की जान चली गयी.  इन घटनाओं के बाद अब उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का आप अंदाजा लगा सकते हैं.