यूपी के प्रचलित शहरो मे से एक शहर जिसे शिव की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे प्राचीन और सभ्य शहर मे एक चौका देने वाला मामला सामने आया है। जहां कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ट्रस्ट बनाकर लोगों को लूट लिया है। प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी से ही लोकसभा क्षेत्र के सांसद भी है।
क्या है पूरा मामला आईए जानते हैं

Also Read – Gayle ने T-20 मे हासिल किया ये बड़ा मुकाम ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी बने
दरअसल कुछ लोगों ने मिलकर 10 जुलाई को नरेंद्र दामोदर दास मोदी जन कल्याणकारी ट्रस्ट नाम से एक फर्जी ट्रस्ट का पंजीकरण कराया. बताया जा रहा है कि ट्रस्ट के फर्जी दस्तावेज दुर्गाकुंड क्षेत्र के रहने वाले अजय ने तैयार किए और यही इस पूरे षडयंत्र का मास्टरमाइंड भी है।
ट्रस्ट के लिए सीएम से लेकर डीएम, करीब 50 सांसद को लिखी चिट्ठी
आरओ प्यूरीफायर कंपनी मे काम करने वाले अजय ने दावा किया कि वो आदर्श नरेंद्र दामोदर दास मोदी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय खोलना चाहता है। जिसे लेकर उसने इस ट्रस्ट का गठन किया है । चिट्ठी में उसने वाराणसी के पिंडरा तहसील में करीब 190 बीघा जमीन और करीब 1000 करोड़ आर्थिक अनुदान की भी मांगी भी रखी। इसके लिए उसने सीएम कार्यालय, डीएम वाराणसी समेत 50 के करीब सांसद और मंत्रियों को चिट्ठी लिखी।

डीएम ने पत्र देख जांच करवाई
जब अजय का पत्र डीएम के पास पहुंचा तो उनको इस मामले कोलेकर शक हुआ और उन्होंने निबंधक सदर द्वितीय हरीश चतुर्वेदी को जांच का जिम्मा सौपा। डीएम का शक सही निकला और फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया।

दस लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर
10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है, उनमे अजय पांडेय, उसके चाचा रवींद्रनाथ व दोस्त शाहबाज खान के अलावा वाराणसी का प्रदीप कुमार सिंह, नवलपुर बसही का सोनू कुमार गुप्ता, महागांव गरथमा का विकास मिश्रा, सरसौली कैंट की प्रिया श्रीवास्तव, हुकुलगंज कैंट का अनिल, अनेई की रंजीता सिंह और बलिया के बेलहरी का अविनाश सिंह भी शामिल हैं. इसमे ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंधक अजय पांडेय, रवींद्रनाथ पांडेय और शहबाज खान को गिरफ्तार कर लिया गया है. शेष आरोपियों की तलाश में 3 टीमें बनाकर दबिश दी जा रही है.