केन्द्र सरकार के अंतर्गत आने वाले वित्त मंत्रालय ने बैंको को एडवाइजरी जारी कर कहा है कि य़ूपीआई पेमेंट पर बैक कोई भी चार्ज न लगाएं. मंत्रालय के सर्कुलर में कहा गया है कि 1 जनवरी 2020 के बाद अगर यूपीआई पेमेंट पर कोई बैंक चार्ज वसूलता है तो बैंक ग्राहकों को पैसा वापस करेंगे. बता दें कि कुछ बैंको की UPI पेंमेंट पर चार्ज वसूलने की शिकायत मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है.

UPI ट्रांजेक्शन पर नही लगेगा कोई चार्ज
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी घोषणा की है. 1 जनवरी, 2020 से यूपीआई और ऑनलाइन माध्यमों से किए जाने वाले ट्रांजेक्शनों पर बैंक कोई चार्ज नही ले सकेंगे. मंत्रालय ने कहा है कि अगर जनवरी 2020 के बाद से UPI ट्रांजेक्शन पर कोई रकम वसूली गई है तो बैंक उसे तुरंत ग्राहकों को वापस करे. इसके अलावा अगर किसी बिजिनेस का टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है तो उसे हर हाल में डिजिडल पेंमेंट का विकल्प रखने होगे.
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मीटिंग में लिया गया फैसला
बजट से पहले बैंक प्रमुखों के साथ निर्मला सीतारमण की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि 2019 के बजट में इसकी घोषणा की गई थी जिसे अब लागू किया गया है. बता दें कि RBI के निर्देशानुसार अभी तक 2 हजार रुपये तक के पेमेंट पर कोई MDR शुल्क नही वसूला जाता था.
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क्या है MDR शुल्क
जब कोई कस्टमर मर्चेंट के POS या पॉइंट ऑफ सेल्स टर्मिनल से अपने डेबिट कार्ड को स्वाइप करता है तो मर्जेंट को अपने सर्विस प्रोवाइडर बैंक को शुल्क का भुगतान करना पड़ता है, इसे ही MDR शुल्क कहते हैं. QR कोड आधारित ऑनलाइन लेन-देन पर भी एमडीआर शुल्क देना पड़ता है.