कोरोना काल में पहले से ही महंगाई की मार झेल रही यूपी की जनता को अब दिवाली के बाद महंगी बिजली का झटका भी लग सकता है। इस बार पावर कॉरपोरेशन सीधे दरें न बढ़ाकर स्लैब में बदलाव करके रेट बढ़ा सकती है। यदि राज्य विद्युत नियामक आयोग को दिया गया प्रस्ताव लागू हुआ तो कम खपत वाले 80% घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली महंगी हो जाएगी। हलांकि ज्यादा खपत वाले उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिल सकती है।

राज्य सलाहकार समिति की बैठक!
6 नवंबर को नियामक आयोग द्वारा राज्य सलाहकार समिति की बैठक बुलाई गई है। 2020-21 के लिए बिजली दर तय करने के लिए होगी यह बैठक। यह बैठक विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी जिसमें बिजली की दर, अनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट (एआरआर) पर चर्चा होगी। सूत्रों की माने तो बैठक के बाद नए स्लैब का ऐलान कर अगले महीने से इसे लागू कर दिया जाएगा।
स्लैब चार से घटाकर तीन करने का प्रस्ताव!
पावर कॉरपोरेशन द्वारा शहरी घरेलू और ग्रामीण उपभोक्ताओं के स्लैब चार से घटाकर तीन करने का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें पहला स्लैब 0-150 यूनिट की जगह 0-100 यूनिट करने को कहा गया है। वहीं, दूसरा स्लैब 151-300 की जगह 101-300 और तीसरा स्लैब 300 यूनिट से ऊपर का होगा।
500 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वालों पर पड़ेगा भारी !
इसे मंजूरी मिलना, 500 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वालों पर पड़ेगा भारी। बता दें कि प्रदेश में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या सबसे ज्यादा है, जो 500 यूनिट तक बिजली खर्च करते हैं। 150 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल करने वाले शहरी घरेलू उपभोक्ता से 5.50 रुपये/यूनिट की दर से बिल वसूला जाता है। इस हिसाब से उपभोक्ता 825 रुपये बिजली का बिल देता है।
नया स्लैब!
नए स्लैब के अनुसार, उपभोक्ता को 100 यूनिट का 5.50 रुपये की दर से और बाकी की 50 यूनिट का 5.80 रुपये की दर से भुगतान करना होगा। जिस हिसाब से उपभोक्ता का बिल 15 रुपये बढ़कर 840 रुपये हो जाएगा। इसी तरह अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं पर भी बिजली बिल का बोझ बढ़ेगा।