भारत ने रक्षा औऱ अनुसंधान के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की है. भारतीय संस्थान DRDO ने हाइपरसोनिक टेक्नॉलाजी डेमोन्स्ट्रेटर व्हीकल का सफल परीक्षण किया है. ऐसा करने वाला भारत अमेरिका, रुस और चीन के बाद चौथा देश बन गया है जिसने खुद की हाइपरसोनिक टेक्नॉलाजी विकसित कर ली है. इस तकनीक के माध्यम से भविष्य में न केवल हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल को ज्यादा उन्नत बनाया जा सकेगा बल्कि इसकी मदद से काफी कम खर्चे मे सैटेलाइट लॉन्चिग की जा सकेगी.

भारत ने हाइपरसोनिक टेक्नालॉजी विकसित की
भारत ने ओड़िसा के बालासोर तट पर हाइपसोनिक टेक्नालॉजी डेमान्स्ट्रेटर व्हीकल का सफल परीक्षण किया है. यह हवा में आवाज की गति से 6 गुना ज्यादा स्पीड से दूरी तय करता है. इसकी खासियत है कि यह दुश्मन देश के एय़र डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह से चकमा दे सकता है. खबर मे बताया गया है कि DRDO अगले 5 साल में क्रैमजेट इंजन के साथ हाइपर सोनिक मिसाइल तैयार कर सकता है. इसके अलावा HSTDV के सफल परीक्षण से भारत को अगली जेनरेशन की हाइपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस-II तैयार करने में मदद मिलेगी.
#WATCH DRDO‘s successful demonstration of the Hypersonic air-breathing scramjet technology with the flight test of Hypersonic Technology Demonstration Vehicle, at 1103 hours today from Dr. APJ Abdul Kalam Launch Complex at Wheeler Island, off the coast of Odisha pic.twitter.com/aC1phjusDH
— ANI (@ANI) September 7, 2020
क्यों खास है HSTDV
हाइपरसोनिक डेमन्स्ट्रेटर व्हीकल एक स्क्रैमजेट एयरक्राफ्ट है जो अपने साथ हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलें ले जा सकता है. यह आवाज से 6 गुना तेज रफ्तार से अपने टारगेट को निशाना बना सकता है. सबसे बड़ी बात यह है कि आम मिसाइलों को रास्ते में आसानी से ट्रैक किया जा सकता है लेकिन इस हाइपरसोनिक वेपन सिस्टम का दुश्मन एयर डिफेंस सिस्टम अंदाजा भी नही लगा सकता कि य़ह किस रास्ते आ रहा है.
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इन देशों के पास है हाइपरसोनिक टेक्नालॉजी
हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नालॉजी वह मिसाइल होती है जो रफ्तार से 5 गुना ज्यादा तेज चलती है. ये दो प्रकार की होती हैं औऱ मिनटों में दुनिया मे कहीं भी मौजूद टारगेट को ध्वस्त कर सकती हैं. यह सिस्टम फिलहाल अमेरिका, चीन औऱ रुस के पास ही है. आश्चर्य करने वाली बात यह है कि दुनिया के किसी देश के पास इसका डिफेंस सिस्टम नही है. हालांकि अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन इस पर रिसर्च कर रहा है.