शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के रीवा में सोलर पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया इस प्रोजेक्ट को लेकर दावा किया जा रहा है कि 750 मेगावॉट का ये सोलर प्लांट एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट है। इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए इस सोलर पावर प्रोजेक्ट को देश को समर्पित किया। इस मौके पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य केन्द्रीय मंत्री भी उद्घाटन के इस मौके पर शामिल हुए थे। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां उत्पादित बिजली का बड़ा हिस्सा दिल्ली मेट्रो रेल परियोजना को दिया जायेगा जिससे मेट्रो का परिचालन होगा।

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने उठाया सवाल
इस प्लांट को लेकर भले ही बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हों लेकिन कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने इसको लेकर सवाल उठा दिया है। पीएम मोदी द्वारा किए गए इस प्लांट के उद्घाटन पर कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने एक ट्वीट में लिखा है कि, “बीजेपी की केंद्र सरकार दावा कर रही है कि रीवा में एशिया के सबसे बड़े 750 मेगावॉट के सोलर प्लांट का उद्घाटन किया गया है। फिर आखिर कर्नाटक के पावगडा में उस 2 हजार मेगावॉट के सोलर प्लांट के बारे में क्या कहें जिसे कांग्रेस की कर्नाटक सरकार ने 3 साल में बनाया था और 2018 से वह काम भी कर रहा है।”
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के दावे के उलट डीके शिवकुमार में कांग्रेस की कर्नाटक सरकार द्वारा बनाए गए पावगडा में 2 हजार मेगावॉट के सोलर प्लांट को लेकर एक वीडियों भी शेयर किया है।
BJP Central Govt is claiming today that it inaugurated Asia’s Largest Solar Plant of 750 MW at Rewa, MP
What then is the 2000 MW Solar Plant in Pavagada, Karnataka which was built in just 3 years by @INCKarnataka govt and has been operational since 2018?pic.twitter.com/FbR0cLvYqw
— DK Shivakumar (@DKShivakumar) July 10, 2020
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सबसे बड़े सौर प्लांट का उद्घाटन किया था तो कहा था कि, ये एशिया का सबसे बड़ा प्लांट है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि रीवा ने इतिहास रच दिया है। जब हम इस प्लांट का वीडियो आसमान से देखते हैं, तो लगता है हजारों सोलर पैनल फसल बनकर लहरा रहे हों। रीवा का सोलर प्लांट इस पूरे क्षेत्र को ऊर्जा का केंद्र बनाएगा, इससे मध्य प्रदेश के लोगों को लाभ मिलेगा और दिल्ली में मेट्रो को भी बिजली मिलेगी।
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के ट्वीट के बाद अब सवाल खड़ा होता है कि, आखिर किसकी बातों में सच्चाई है। केंद्र सरकार अगर पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किए सोलर प्लांट को एशिया का सबसे बड़ा प्लांट बता रही है तो फिर कर्नाटक के पावगडा में बने 2 हजार मेगावॉट के सोलर प्लांट को लेकर क्या सच है?
शिवकुमार के इस ट्वीट पर लोगों ने भाजपा को जमकर लताड़ लगाई है। विमल नाम के एक यूजर ने लिखा है कि, इससे पता चलता है कि भाजपा का प्रोपेगैंडा कितनी मजबूती से काम करता है। कांग्रेस को तथ्यों के साथ और अधिक सक्रिय और आक्रामक होना चाहिए..।
This shows how strongly BJP’s Propaganda works.
Congress shuld counter with facts and be more proactive and aggressive— Vimal Lakhotia (@vimallakhotia) July 10, 2020
Ground work @BJP4India is amazing, even if they are lying, they do it with solid conviction, and people turn to them.. That’s marketing.
Just look how everyone and economy is ducked up in 2020. But still their ground work is so solid no one questioning them..
That’s power 👍🏼
— Mirza Baig (@Baig2K19) July 10, 2020
आदिल नाम के एक यूजर का कहना है कि, ‘फेकू है, फेकना उसका काम विश्वास ही कौन करता है, सिर्फ भक्त’
Feku hai fekna uska kaam. Believe kaun karta hai?? Only bhakt
— Md adil (@Mdadil13) July 10, 2020
रीवा स्थित सोलर पावर प्लांट को लेकर जानकारी
वहीं रीवा स्थित सोलर पावर प्लांट को लेकर केंद्र की तरफ से दावा किया गया है कि इस प्लांट में उत्पादित विद्युत का 24 फीसदी दिल्ली मेट्रो को दिया जायेगा। बाकी 76 प्रतिशत बिजली मध्यप्रदेश के राज्य विद्युत वितरण कंपनी यानि डिस्कॉम को आपूर्ति की जायेगी। दिल्ली मेट्रो रेल नेटवर्क करीब 389 किलोमीटर है।
एक अनुमान के अनुसार मेट्रो के परिचालन से लेकर अन्य कामों में सालाना बिजली खपत करीब 280 से 300 मेगावाट के बीच है। जिसमें से 99 मेगावाट की आपूर्ति अब रीवा से की जायेगी जो कुल खपत का 32 फीसदी है। मेट्रो को यह सौर चालित ऊर्जा 3.30 रूपये प्रति यूनिट के हिसाब से मिलेगी जो कि बिजली के दामों से काफी सस्ती है। मेट्रो को बिजली की दरें 6.25 रूपये प्रति यूनिट पड़ती हैं।