30 रूपये नही दिए तो 6 साल के मासूम से खींचवाया स्ट्रेचर, सो रहा है महंत योगी आदित्यनाथ का प्रशासन ?

देश में भ्रष्टाचार ख़त्म करने का दावा करने वाली सरकारों और इसपर विश्वास करने वाले आम लोगों को हकीकत से रूबरू भी होना चाहिए. सोचिए भ्रष्टाचार कितना खत्म हुआ है? आसपास के लोगों से पूछताछ कीजिये या फिर खुद किसी सरकारी विभाग के दफ्तर में चक्कर काटिए तो आपको बेहद आसानी से भ्रष्टाचार से पीड़ित और भ्रष्ट अधिकारी मिल जायेंगे.

इस खबर में हम बात करते हैं उस राज्य की जहाँ के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ हैं, मतलब उत्तर प्रदेश की. उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक छ साल के बच्चे से स्ट्रेचर इसलिए खिंचवाया गया क्योंकि उसकी माँ के पास देने के लिए पैसे नही थे. दरअसल बच्चे के नाना को कुछ लोगों ने पीट दिया जिसके बाद उनके शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोट आ गयी. जिसकी शिकायत लेकर बच्चे की माँ पुलिस चौकी पहुंची. वहां मदद के नाम अस्पताल का रास्ता बता दिया गया और पुलिस मुंह मोड़ कर बैठ गयी.

माँ नही दे पायी 30 रूपये तो बच्चे से खिंचवाया स्ट्रेचर 

अस्पताल पहुँचने के बाद स्ट्रेचर के पैसे मांगे जाने लगे. जब बच्चे की माँ और पीड़ित व्यक्ति की बेटी ने पैसे देने से इनकार किया तो उन्हें खुद ही स्ट्रेचर खींचना पड़ा. जिसका वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उधर पुलिस मारपीट करने वाले लोगों पर चुप्पी साधकर बैठी रही और इधर एक मासूम अपने घायल नाना के स्ट्रेचर को खींचकर पूरे प्रशासन की पोल खोलकर रख दी.

सोचिये उस मासूम के दिमाग पर क्या प्रभाव पड़ा होगा जो गरीबी के चलते रिश्वत ना दे सका और बदले में स्ट्रेचर खींच रहा है. सोचिये उस मासूम पर क्या असर पड़ेगा जब पिटाई होने के बाद भी आरोपियों पर पुलिस कार्रवाई न करके अस्तपाल का रास्ता बताकर अपना पल्ला झाड़ ले रही हो. सोचिये सरकार के उस दावे पर जहाँ भ्रष्टाचार खत्म करने के बड़ी-बड़ी की जा रही है. सोचिये उस पुलिस के बारे में जहाँ हाल ही में खूंखार अपराधियों के साथ मिलीभगत सामने आई हो.

वीडियो वायरल होने के बाद टूटी प्रशासन की नींद 

वहीँ वीडियो वायरल होने के बाद जब मीडिया के जमावड़ा लगा और खबर वायरल होने लगी तो प्रशासन की नींद भी टूटी और अस्पताल में अधिकारी पहुंचने लगे. हालचाल लिया और फिर दिया गया मदद का भरोसा. बच्चे की माँ कहना है कि स्ट्रेचर खींचने के लिए पैसे मांगे गये. पैसे देने से मैंने मना कर दिया क्योंकि मेरे पास नही थे. जिसके बाद मैं और मेरा बेटा खुद स्ट्रेचर खींचकर घायल पिता की पट्टी बदलवाने के लिए वार्ड में लेकर गयी. माँ ने कहा कि पुलिस ने अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की है. हम लोग गरीब है हमारी कौन सुनने वाला है. 

वहीँ इस घटना को लेकर अस्पताल ने भी पल्ला झाड लिया है कि उसके पास इसके बारे में कोई जानकारी ही नही है लेकिन जांच करवाई जायेगी. हालाँकि प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नही होती ये बात शायद देवरिया का ये सरकारी अस्पताल नही समझता और ना ही यहाँ का प्रशासन समझता है.