इस साल फरवरी में दिल्ली में हुए दंगे में कथित भूमिका के आरोप में पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को गिरफ्तार किया है. बताया गया है कि यह गिरफ्तारी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून यानि की UAPA के तहत की गई है. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेन ने शनिवार को उसे सम्मन जारी कर पूछताछ के लिए ऑफिस बुलाया था. 11 घंटे चली लंबी पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

दिल्ली में हुए दंगे में 53 लोगों की मौत हुई थी
दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर इसके विरोधियों और समर्थकों के बीच इसी साल फरवरी में दंगा भड़क उठा था. इस दंगे में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 200 के करीब घायल हुए थे. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए इन दंगों में शामिल उन सभी लोगों की भूमिका की जांच चल रही है जो हिंसा फैलाने की साजिश में शामिल थे या समुदायों के बीच सांप्रदायिक उन्माद भरने की कोशिश कर रहे थे.
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पुलिस द्वारा उमर खालिद के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि- दिल्ली दंगों के दौरान उमर खालिद ने दो जगहों पर विवादित बयान दिया और उसने कथित रुप से लोगों से अपील कर कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत आगमन के दौरान वह सड़कों पर आकर प्रदर्शन करें जिससे कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर यह बताया जा सके कि भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कितने अत्याचार हो रहे हैं.’’
2 सितंबर को क्राइम ब्रांच ने भी की थी पूछताछ
इससे पहले इस दंगा मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने भी उमर खालिद से पूछताछ की थी. उमर खालिद सबसे पहले 2016 में जेएनयू में हुई देशविरोधी नारेबाजी के मामले में सुर्खियों में आया था. उस मामले में भी वह गिरफ्तार हो चुका है और जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के साथ देशद्रोह मामले में मुख्य आरोपी है.
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