कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर चल रही उथल-पुथल को लेकर आज पार्टी में CWC Meeting बुलाई गई.

इस बैठक में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा “सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष नहीं बनना चाहती थी, लेकिन उन्होंने ये जिम्मेदारी उठाई. जब पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया? ऐसे में नेतृत्व पर सवाल उठाना कहां उचित है?”
वहीं दूसरी और आज बैठक में राहुल गांधी के ‘बीजेपी से सांठ गांठ’ वाले बयान पर हंगामा खड़ा हो गया है. वरिष्ठ नेता गुलामनबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे बड़े नेताओं ने राहुल के इस बयान पर अपनी नाराजगी जाहिर की है.
कपिल सिब्बल ने ट्वीव्ट कर कहा “राहुल गांधी कहते हैं कि हमारी बीजेपी के साथ सांठ-गांठ है. राजस्थान हाईकोर्ट में पार्टी को सफलता दिलाई. मणिपुर में बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत से पार्टी का बचाव किया. पिछले 30 सालों में बीजेपी के पक्ष में एक भी बयान नहीं दिया. फिर भी हम पर बीजेपी से सांठ-गांठ का आरोप लग रहा है.”
गुलाम नबी आजाद ने भी राहुल के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा अगर राहुल गांधी की “बीजेपी के साथ मिलीभगत” की टिप्पणी सही साबित हुई तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.
बैठक में सोनिया और राहुल गांधी के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ और युवा नेताओं मौजूद रहै.
फिलहाल, कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में यह फैसला ले लिया गया है कि सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी. उनका यह कार्यकाल भी एक वर्ष का होगा. कई घंटे तक चली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इसका फैसला लिया गया.