भारतीय जनता पार्टी की राजनीति के पिछले कुछ साल देखें तो ज्यादातर उसकी रणनीति का हिस्सा राहुल गांधी ही रहे हैं। अक्सर राहुल गांधी को निशाना बनाते हुए भाजपा कांग्रेस पर हमलावर रही है। वैसे राहुल गांधी का भी इसमें काफी योगदान रहा है। राहुल गांधी अपने ही बयानों से सेल्फ गोल तो करते ही हैं लेकिन इस तरह से भाजपा को भी खुला मैदान दे देते हैं। अभी हाल ही में कांग्रेस ने चीन के मसले पर राहुल के नेतृत्व में मोदी सरकार पर खूब निशाने साधे।
बता दें कि पीएम मोदी ने जब सर्वदलीय बैठक बुलाई, तो उसके बाद से ही कांग्रेस रोजाना केंद्र सरकार पर हमले बोल रही है। राहुल गांधी भी अक्सर चीन मामले में मोदी सरकार से स्पष्ट तस्वीर देश के सामने रखने की बात कर चुके हैं। एक तरफ मोदी सरकार कह रही है कि चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किए, वहीं दूसरे बयान में सरकार कहती है कि चीनी सेना पीछे हट गई है। इसी को लेकर कांग्रेस का कहना है कि आखिर जब चीनी सैनिक भारतीय सीमा में आए ही नहीं तो पीछे हटने की बात कहां से आई।
ऐसे सवालों के तीर छोड़ने वाले राहुल गांधी भी खूब आगे रहे हैं, लेकिन बैकफुट पर उन्हें तब आना पड़ा जब सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी को लेकर कहा कि, वायनाड से सांसद रक्षा मामलों की, संसद की स्थायी समिति की ‘‘एक भी बैठक’’ में शामिल नहीं हुए, लेकिन देश का ‘‘मनोबल’’ गिराने और सशस्त्र बलों के शौर्य पर सवाल उठाने का काम लगातार कर रहे हैं।
जेपी नड्डा के इस बयान के बाद कांग्रेस की तरफ से जवाब देने का जिम्मा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उठाया। सुरजेवाला ने भाजपा कड़ा प्रहार करते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट कर डाले। सुरजेवाला ने कहा कि, अगर भाजपा एवं नरेंद्र मोदी सरकार ने चीन की घुसपैठ से निपटने में ऊर्जा लगाई होती तो ‘देश को गुमराह करने’ के लिए नड्डा को झूठ नहीं बोलना पड़ता। सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि क्या मोदी सरकार सैनिकों के महंगाई भत्ते में कटौती करके और रक्षा खर्च कम करके हमारे जवानों का मनोबल बढ़ा रही है?
बोलती बंद कर देने वाला जवाब
इसके अलावा सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “नड्डा जी, आप रोजाना जिस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं उससे आप दुर्भावना से ग्रसित एक भाजपा प्रवक्ता प्रतीत होते हैं। अगर भाजपा और मोदी सरकार ने चीन से लड़ने और हमारे शस्त्र बलों का सहयोग करने में ऊर्जा लगाई होती तो आपको चीनी घुसपैठ पर देश को गुमराह करने के लिए झूठ बोलने की जरूरत नहीं पड़ती।”
Dear Nadda Ji,
Daily insidious comments are making you look like a poorer version of malicious BJP spokespersons.
Had the BJP & Modi Govt spent its energy in fighting China & supporting our Armed Forces, you wouldn’t need to lie on Chinese transgressions to mislead the Nation. https://t.co/71tgK3c0J1
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 6, 2020
नड्डा पर सवाल दागते हुए सुरजेवाला ने कहा कि, ‘‘नड्डा जी, कृपया जवाब दीजिए कि क्या हमारे 15 लाख सशस्त्र बलों और 26 लाख सैन्य पेंशनभोगियों का 11,000 करोड़ रुपये का महंगाई भत्ता काटना ही मोदी सरकार की ओर से उत्साह बढ़ाने का कदम है?’’ नड्डा यहीं नहीं रुके, उन्होंने सवाल किया, ‘‘ क्या पूर्व भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली, संसद की प्राक्कलन समिति ने अपनी रिपोर्ट में नहीं कहा था कि रक्षा खर्च 56 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर चला गया है? क्या मोदी सरकार इसी तरह हमारे सशस्त्र बलों का मनोबल बढ़ाती है?’’
सवाल पूछो तो पूछने वाले पर हमला करते हैं
बात सिर्फ सुरजेवाला तक ही नहीं रुकी, कांग्रेस के ही एक और पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी संवाददाताओं से कहा, “इस सरकार की आदत रही है कि जब उससे कठिन प्रश्न पूछा जाए तो वे सवाल पूछने वाले पर हमला करते हैं। राहुल गांधी विपक्ष के एक नेता की हैसियत से सवाल पूछे रहे हैं। आप हेडलाइन मैनेजमेंट का सहारा क्यों ले रहे हैं? सरकार को अब अपनी तरकीब बदलनी चाहिए।” उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को समझना चाहिए कि हेडलाइन मैनेजमेंट की एक सीमा होती है। आप तथ्यों के बारे में बात करिए।’’
अब भारत चीन सीमा विवाद के बीच जिस तरह से भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने लिए मौके तलाश लिए हैं, वो इसी भारतीय राजनीति का ही हिस्सा है। पूरे देश की निगाहें भले ही चालबाज चीन पर लगी हों, लेकिन देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने मुद्दों को भुनाने में लगी हुई हैं।