सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) को मजबूत , निष्पक्ष और बेहतर बनाने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है । टीआरपी मे निष्पक्षता लाने और जांच करने के लिए सुझाव देने के लिए बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता प्रसार भारती के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर शशि एस. वम्पातीकरेंगे. इसके साथ इस कमेटी में आईआईटी कानपुर के स्टैटिस्टिक्स के प्रोफेसर डॉ. शलभ , सी-डॉट के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजकुमार उपाध्याय और आईआईएम बेंगलुरु डिसीजन साइसेंस सेंटर फार पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसर पुलक घोष सदस्य के तौर पर शामिल हैं ।

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क्यो बनी ये कमेटी
बताया जा रहा है कि यह फैसला तब लिया गया जब सूचना प्रद्योगिकी (Information Technology) के संसदीय अध्यक्ष शशि थरुर ने इस बात पर जोर दिया टीआरपी की स्पष्टता बिल्कुल भी साफ नही है इसमे काफी सारी कमियां है स्कैम है जिसका फायदा न्यूज चैनल्स उठा रहे है । यही कारण है कि I&B ने ये चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है जो पहले के सिस्टम को किस तरह से बेहतर किया जाए इस पर अपनी रिपोर्ट जारी करेगा.

इसके अलावा TRAI द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले दिशानिर्देशों की समीक्षा करेगा । टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया की सिफारिशों और भरोसेमंद टीआरपी सिस्टम बनाने के लिए कमेटी का गठन किया गया है ।
क्या है टीआरपी घोटाला
हंसा नामक एक निजी रिसर्च एजेंसी को इस बात का पता चला कि कुछ न्यूज चैनल अपने टीवी चैनल को बढ़ावा देने के लिए टीआरपी के साथ छेड़छाड़ की जा रही है और उसने पुलिस को इसकी शिकायत की. हंसा ने अपने ही एक कर्मचारी को भी इसमें शामिल पाया और उसे नौकरी से निकाल उसके बारे में पुलिस को जानकारी दी. शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस ने राष्ट्रीय न्यूज चैनल रिपब्लिक और दो मराठी चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की. पुलिस ने मराठी चैनलों के मालिकों को गिरफ्तार कर लिया है और रिपब्लिक के निदेशकों और प्रोमोटरों के खिलाफ धोखाधड़ी की जांच शुरू कर दी है.