बिहार चुनाव के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि कोरोना की वजह से चुनाव नहीं टाले जाएंगे, जिसके बाद ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है सितंबर महीने की शुरुआत के साथ ही बिहार में विधानसभा की 243 सीटों पर राजनीतिक पारा हाई होने लगेगा। भाजपा पहले ही राज्य में अमित शाह की वर्चुअल रैली के साथ चुनाव अभियान का आगाज कर चुकी है। वहीं अब दूसरे दल भी विधिवत रूप से कैंपेन शुरू करने के लिए अपने अपने मास्टर प्लान के साथ पूरी तरह तैयार है।
नीतीश कुमार सोशल मीडिया से बताएंगे सरकार के काम
जेडीयू के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए मास्टर प्लान बना लिया है, जेडीओ अपने कैंपेन में यूको को अपने कार्यकाल की खूबियां वर्चुअल रैली एवं सोशल मीडिया के माध्यम से बताएगी। बता दें भाजपा और जेडीयू गठबंधन में चुनाव लड़ने जा रहे हैं ऐसे में नीतीश कुमार के साथ भाजपा भी कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव प्रचार में उतरेगी।

ऐसा अक्सर देखने को मिलता है यह चुनाव पास आते ही अक्सर सरकारें कई बड़े फैसले लेती हैं हाल ही में चुनाव की सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घोषणाओं को अमल में लाते हुए बिहार शिक्षा विभाग ने पंचायती राज और नगर निकायों में तैनात शिक्षकों और लाइब्रेरी स्टाफ के वेतन में 15 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। इस फैसले को चुनावी दौर में इस नजर से भी देखा जा रहा है कि इस फैसले से प्रदेश के करीब साढ़े तीन लाख से अधिक टीचर प्रभावित होंगे जो नीतीश कुमार को फायदा दे सकता है।
बिहार में कांग्रेस को लीड करेंगे राहुल गांधी
बिहार में कांग्रेस के अभियान का चेहरा राहुल गांधी ही होंगे। राहुल कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार मुखर हैं। इस बार पार्टी उनका बेहतर इस्तेमाल करने की योजना में है। जानकारी के अनुसार बिहार चुनाव में राहुल गांधी का तेज अवतार सामने लाने का प्लान है, वह रोज पांच रैलियां करेंगे, राहुल गांधी पूरे कैंपेन में 100 से ज्यादा वर्चुअल रैली कर सकते हैं।

150 सीटों से ज्यादा पर तीसरे मोर्चे के तौर पर लड़ेंगे पप्पू यादव
बिहार चुनाव में इस बार एनडीए और महागठबंन के अलावा पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी पर भी लोगों की नजर होगी। पप्पू यादव ने साफ कर दिया है कि वह 150 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने जा रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा 80 प्रतिशत सीटों पर युवाओं को कैंडिडेट बनाया जाएगा। इसके बाद महिला उम्मीदवारों की संख्या सबसे ज्यादा होगी।
