करीब सवा करोड़ यात्रियों को टिकट खरीदने पर भी ट्रेन में सफर करने का मौका नहीं मिला है। देश में ट्रेनों की कमी होने के कारण यह स्थिति बन गई है। बता दें की इसी कमी के चलते साल 2019-20 में बड़ी संख्या में यात्रियों की वेटिंग टिकट कन्फर्म नहीं हो पाई।

आरटीआई में हुआ है खुलासा!
आरटीआई के मुताबिक 2019-20 में कुल 84,61,204 पीएनआर नंबर से जुड़े करीब सवा करोड़ यात्रियों की वेटिंग टिकट कन्फर्म नहीं हो पाई है। इसीलिए रेल मंत्रालय ने वेटिंग लिस्ट की समस्या को खत्म करने के लिए निजी ट्रेन शुरू करने का फैसला भी किया है।
सीमित स्टेशनों पर चलती हैं क्लोन ट्रेन!
आपको बता दें कि रेलवे द्वारा व्यस्त रूटों पर ‘क्लोन ट्रेन’ भी शुरू की गई है। लेकिन ये ट्रेन कुछ स्टेशनों पर ही रुकती हैं। बीते पांच साल में करीब पांच करोड़ पीएनआर नंबर कन्फर्म नहीं होने की वजह से अपने आप ही रद्द हो गए हैं। यह जानकारी मध्य प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौर की आरटीआई के जवाब में दी गई है। साल 2014-15 में 1,13,17,481 पीएनआर रद्द किए गए। जबकि 2015-2016 में यह आंकड़ा 81,05,022 रहा। इसी तरह 2016-2017 में 72,13,131, साल 2017-18 में 73,02,042 और 2018-2019 में 68,97,922 पीएनआर रद्द हुए।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन व सीईओ ने दिया बयान!
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन व सीईओ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह स्वीकार भी किया था कि ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट को कम करने की काफी जरूरत हो गई है। निजी ट्रेनों के आने से इस समस्या को कम करने में मदद मिलेगी। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक साल 2019-20 में औसत वेटिंग लिस्ट में 8.9 फीसदी की कमी आई है। व्यस्त समय के दौरान करीब 13.3 फीसदी यात्रियों की टिकट कन्फर्म नहीं हो पाई है।
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